महाराष्ट्र चुनाव में क्यों बन रहा बिहार के सुशांत सिंह राजपूत का मुद्दा?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के अब कुछ ही महीने शेष हैं. इसी बीच सियासी दलों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है. राज्य की राजनीति में बॉलीवुड स्टार और बिहार के सुशांत सिंह राजपूत अचानक सुर्खियों में आ गए हैं. सुशांत सुसाइड केस की जांच को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. पार्टी ने सीबीआई से पूछा है कि इस मामले की जांच में अब तक क्या-क्या निकला है?
महाराष्ट्र की सियासत में जिस तरह से सुशांत का मामला चर्चा में आया है, उससे कहा जा रहा है कि आने वाले चुनाव में सुशांत का सुसाइड केस एक बड़ा मुद्दा हो सकता है?
सचिन सावंत ने सीबीआई को लिखा पत्र
महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिखा है. सचिन ने अपने पत्र में सीबीआई से अब तक हुई जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. सचिन ने पूछा है कि 1460 दिन बीत जाने बाद भी सीबीआई ने इस मामले में क्या एक्शन लिया है?
सावंत का कहना है कि केंद्र और राज्य में महायुति की सरकार है. कई लोगों से इस मामले में पूछताछ हो चुकी है. कई लोग जेल के सलाखों में गए, लेकिन सीबीआई केस की गुत्थी नहीं सुलझा पाई है.
सावंत से पहले इसी साल मार्च में सुशांत सिंह की बड़ी बहन श्वेता ने इस मुद्दे को उठाया था. श्वेता सिंह ने मामले में प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. श्वेता का कहना था कि इस मामले की जांच कहां तक पहुंची, यह अपडेट तक नहीं है.
क्या चुनाव में बनेगा सियासी मुद्दा, 5 पॉइंट्स
1. महाराष्ट्र में अब से 2 महीने बाद विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं. 2020 में यह मुद्दा काफी गर्म था. उस वक्त राज्य में उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस की सरकार थी. सुशांत मामले में उद्धव सरकार की खूब किरकिरी हुई. मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठे, जिसके बाद इस केस को सीबीआई को सौंपा गया. अब कांग्रेस और विपक्षी पार्टी इसके सहारे बीजेपी को निशाने पर ले रही है. पार्टी जांच में देरी की वजह से बीजेपी पर 2 आरोप लगाना चाहती है. पहला, इस केस में उद्धव सरकार को बदनाम किया गया और दूसरा सीबीआई इतनी बड़ी केस को जांच करने में सक्षम नहीं है.
2. इस केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में बीजेपी सांसद नारायण राणे के बेटे नितेश राणे का भी नाम उछला था. राणे का महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा प्रभाव है. राणे अभी सिंधुदुर्ग-रत्नागिरी से सांसद हैं, जहां विधानसभा की 6 सीटें हैं. वर्तमान में 6 में से 4 पर एनडीए का कब्जा है. 2024 में भी यहां पर राणे ने बड़ी जीत हासिल की है. महाविकास अघाड़ी की कोशिश सुशांत के सहारे राणे की घेराबंदी करना है.
3. मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में उत्तर भारतीय मतदाताओं की संख्या करीब 10-15 प्रतिशत है. चुनाव की जीत-हार में यह बड़ी भूमिका निभाते हैं. मुंबई और मुंबई सब-अर्बन के इन इलाकों में विधानसभा की 32 सीटें हैं. महाविकास अघाड़ी की कोशिश सुशांत के जरिए इन वोटरों को साधने की है.
4. महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. केंद्र में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस हैं. महाविकास अघाड़ी इस सियासी लड़ाई में लीड लेने के लिए भी सुशांत के मसले को उछाल रहे हैं. सुशांत का मामला जब उठा था उस वक्त देशमुख गृह मंत्री और परमबीर मुंबई पुलिस के कमिश्नर थे. देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे.
5. उद्धव ठाकरे और उनके सहयोगी कई बार आरोप लगाते रहे हैं कि कुछ मुद्दों को उठाकर महाराष्ट्र में उनकी सरकार को स्थिर की गई. उद्धव को इसका भावनात्मक फायदा भी मिला है. अब विपक्षी पार्टियां सुशांत के जरिए सरकार स्थिर के मसले को तुल देना चाहती है. वजह आगामी विधानसभा चुनाव ही है.
अब सुशांत सुसाइड केस को जानिए
बॉलीवुड स्टार और बिहार निवासी सुशांत सिंह राजपूत ने जून 2020 में मुंबई में सुसाइड कर लिया था. शुरुआत में उनकी आत्महत्या को सामान्य बताया जा रहा था लेकिन इस केस में कुछ तथ्य के बाहर आने के बाद मामला तुल पकड़ लिया. सुशांत के परिजनों ने इसे संदिग्ध मौत बताया.
परिजनों के आरोप के बाद मामले की जांच शुरू हुई. जांच के दौरान सुशांत की महिला मित्र रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी भी हुई. इस केस में मुंबई पुलिस, नारकोटिक्ट विभाग और सीबीआई ने जांच की, लेकिन अब तक कुछ भी ठोस नहीं निकला है.