विनेश फोगाट की हार पर ये क्या बोल गए संसद में खेल मंत्री
रेसलर विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक से अयोग्यता ने पूरे देश को हैरान कर दिया है। केवल 100 ग्राम वजन बढ़ने के कारण विनेश को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। इस मुद्दे पर खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद में बयान दिया और बताया कि विनेश का वजन 50 किलोग्राम की श्रेणी में 100 ग्राम ज्यादा था, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि विनेश ने काफी अच्छे मुकाबले लड़े थे और भारत सरकार ने उनकी पूरी सहायता की थी। इस बयान के विरोध में विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट किया।
मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारतीय कुश्ती संघ ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ के सामने इस फैसले के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज किया है। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा, जो पेरिस में हैं, से प्रधानमंत्री ने बात की और उचित कार्रवाई करने को कहा है। विनेश फोगाट 6 अगस्त को तीन मुकाबले जीतकर 50 किलोग्राम कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। उनका गोल्ड मेडल के लिए मुकाबला होना था।
मंडाविया ने कहा कि भारत सरकार ने विनेश की तैयारी के लिए हर संभव सहायता प्रदान की है। उनकी जरूरतों के अनुसार पर्सनल स्टाफ नियुक्त किए गए थे, जिसमें हंगरी के प्रसिद्ध कोच और फिजियो भी शामिल थे। उन्हें ओलंपिक के लिए अतिरिक्त व्यक्तिगत सहायक स्टाफ की आर्थिक सहायता भी दी गई। पेरिस ओलंपिक के लिए कुल 70.45 लाख रुपये की मदद की गई थी, जिसमें टॉप्स के तहत 53.35 लाख रुपये और ACTC के तहत 17.10 लाख रुपये शामिल हैं।
विनेश फोगाट ने रियो ओलंपिक में 2016 में महिलाओं की 48 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी में डेब्यू किया था, लेकिन घुटने की गंभीर चोट के कारण उन्हें क्वार्टर फाइनल से हटना पड़ा था। टोक्यो 2020 में भी वह महिलाओं के 53 किग्रा क्वार्टर फाइनल में हार गईं थीं। पेरिस ओलंपिक में भी उनका वजन ज्यादा निकला, जिससे उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह घटना विनेश के लिए एक बड़ा झटका है और उनके फैंस और खेल प्रेमियों के लिए भी गहरा दुख और निराशा लेकर आई है।