नेहरु आर्ट गैलरी में गोपी कृष्ण सोनी द्वारा आदिवासी संस्कृति पर केन्द्रित फोटो की एकल प्रदर्शनी का आयोजन
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित, इंदिरा प्लेस, सिविक सेंटर स्थित नेहरू आर्ट गैलरी में, विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पंडरिया, कवर्धा के श्री गोपी कृष्ण सोनी द्वारा, आदिवासी संस्कृति पर केन्द्रित फोटो की एकल प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 8 अगस्त, 2024 (गुरुवार) को संध्याकाल 6 बजे मुख्य अतिथि, भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार द्वारा किया जायेगा।
श्री गोपी कृष्ण सोनी, ग्राम नेऊर,पंडरिया, जिला कबीरधाम के निवासी हैं, और पेशे से शिक्षक हैं और स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। श्री गोपी कृष्ण सोनी एक प्रसिद्ध लेखक स्व. श्री हरिहरण द्वारा लिखे गए छत्तीसगढ़ की मिथक कथाएं में अपना लेख प्रकाशित किया है। श्री नरेश विश्वा पर लिखे गए लोककथा पर फोटोग्राफी संलग्न की है। बोडा आदिवासीयों (उड़िसा) की फोटोग्राफी की है। श्री गोपी कृष्ण सोनी ने छत्तीसगढ़ आदिम जनजाति के मासिक पत्रिकाओं, अर्द्ध वार्षिक बुलेटिन में लेखन और फोटोग्राफी आदि का कार्य किया है। उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में बैगा आदिवासी नृत्य दल की प्रस्तुति का नेतृत्व किया है। बैगा जनजाति की जीवनशैली पर आधारित फोटोग्राफी, गहने, औजार और कलाकृतियों का संग्रहण किया है। वर्तमान में जनजातिय लोककला एवं बोली विकास अकादमी, भोपाल (मध्य प्रदेश) के साथ श्री गोपी कृष्ण सोनी का शोधकार्य और फोटोग्राफी जारी है।
हर साल 9 अगस्त के दिन विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। यह पूरी तरह से विश्व के सभी आदिवासियों को समर्पित हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के माध्यम से दुनियाभर में आदिवासियों और समाज में उनके द्वारा दिए गए योगदान का सम्मान किया जाता है। इस दिन आदिवासी समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा पर भी ध्यान आकर्षित किया जाता है। दुनिया में आदिवासी समुदाय की आबादी कई करोड़ है, जिसमें अलग-अलग आदिवासी समुदाय और उनकी हजारों बोलियां हैं। इसके बावजूद आदिवासियों को अपने अस्तित्व, संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इसी संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 9 अगस्त 1982 को आदिवासियों के हित में एक विशेष बैठक आयोजित की गई थी। इसे मनाने की सबसे पहली शुरुआत सयुंक्त राज्य अमेरिका ने 1994 में की थी, तब से जागरूकता बढ़ाने, दुनियाभर के आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा, उनकी सुरक्षा और जनजातीय समाज के उत्थान के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है।
यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी 8 से 10 अगस्त, 2024 तक प्रतिदिन संध्या 5.30 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक आम जनता के दर्शनार्थ खुली रहेगी।