November 23, 2024

कोलकाता रेप केस: क्या RG Kar की महिला प्रोफेसर भी साजिश में है शामिल? जानें क्यों उठ रहे सवाल

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप कर हत्या के मामले में आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन साजिश और शक की सुई अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर भी घूम रही है. मृत डॉक्टर के दोस्त और अस्पताल के स्टाफ से भी सीबीआई पूछताछ कर रही है. यह सवाल किये जा रहे हैं कि क्या डॉक्टर की मौत की असली वजह पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है? हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ये सवाल उठ चुका है. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में एक महिला की बात सामने आई है.

सुनवाई के दौरान जस्टिस पारदीवाला ने राज्य के वकील कपिल सिब्बल से पूछा, ”यह सहायक अधीक्षक कौन है? क्या वह महिला हैं या पुरुष? सिब्बल ने उत्तर दिया, “वह एक महिला है.” जज ने कहा, ”उनका व्यवहार बेहद संदिग्ध है. उन्होंने ऐसा व्यवहार क्यों किया?

जिस शख्स के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कही, उसकी तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. न्यायाधीश ने यह नहीं बताया कि किस व्यवहार का उल्लेख किया गया था. हालांकि जस्टिस पारदीवाला ने ये सवाल सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पढ़ने के बाद पूछा.

पीड़िता की मौत को बताया गया था आत्महत्या

बता दें कि मृत डॉक्टर की मौत को लकेर जितने भी सवाल उठते हैं उनमें ‘आत्महत्या’ की थ्योरी बेहद अहम है. 9 अगस्त की सुबह पीड़िता के घर फोन कर कहा गया कि महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली है. यह सुनकर डॉक्टर के माता-पिता अस्पताल पहुंचे. सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस घटना को आत्महत्या बताने की कोशिश की गई थी? सुप्रीम कोर्ट में भी सवाल उठाया गया है.

डॉक्टर की मौत से पूरा देश सदमे में है. लेकिन उस दिन पीड़िता के घर पर किसने फोन किया, उसकी पहचान उजागर नहीं की गई. केवल उसका पद लोगों के सामने आया है. पीड़िता के पिता का कहना है कि उस दिन आरजी कर की सहायक अधीक्षक ने उन्हें बुलाया था.

अप्राकृतिक मौत का मामला क्यों हुआ दर्ज?

आरजी द्वारा असिस्टेंट सुपर के पद पर 4-5 लोग हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि फोन किसने किया था? वह नाम सामने नहीं आया. अदालत में उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया.

सुप्रीम कोर्ट का ‘संदेह’ सिर्फ इसी बात को लेकर नहीं है. जानकारी की जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शव परीक्षण के बाद यूडी या अप्राकृतिक मौत का मामला क्यों दर्ज किया गया? जस्टिस पारदीवाला ने पूछा, अगर कोई असामान्य मौत नहीं हुई तो शव परीक्षण क्यों किया गया? बाद में वकील कपिल सिब्बल ने पूरी कार्यवाही कोर्ट के सामने रखी.

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