September 19, 2024

हाथ नहीं, उम्र महज 17 साल, जम्मू कश्मीर की आर्चर ने डेब्यू पैरालंपिक में रचा इतिहास

पेरिस में पैरालंपिक खेलों की शुरुआत हो चुकी है. पहले दिन भारतीय एथलीट्स ने शानदार खेल दिखाया. कई एथलीट्स ने अगले राउंड के लिए क्वालिफाई किया. इसमें सबसे उम्दा प्रदर्शन महज 17 साल की आर्चर शीतल देवी का रहा. दुनिया की पहली आर्मलेस यानि बिना हाथों वाली आर्चर शीतल देवी पैरालंपिक में डेब्यू करने के लिए उतरीं और उतरते ही इतिहास रच दिया. बता दें पेरिस में आर्चरी के रैंकिंग राउंड के दौरान उन्होंने 703 अंक हासिल किए और वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. हालांकि, कुछ देर बाद ही तुर्किए की ओजनूर गिर्डी क्यूर ने 704 अंक के साथ शीतल को पछाड़कर आगे निकल गईं और ये रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.

शीतल की वाहवाही

शीतल देवी जम्मू कश्मीर की एक छोटे से गांव किश्तवाड़ की रहने वाली हैं. 17 साल की शीतल फोकोमेलिया नाम की जन्मजात बीमारी से पीड़ित हैं. बचपन से उनके दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी. अब उन्होंने पेरिस में भारत का नाम रोशन किया है. शीतल ने 720 में से 703 अंक हासिल किए और रैंकिंग राउंड में दूसरे नंबर पर रहीं. ये उनका पर्सनल बेस्ट स्कोर भी है. इसके साथ ही वो 700 अंक पाने वाली भारत की पहली महिला आर्चर बन गई हैं. उनके प्रदर्शन और जज्बे को देखते हुए उनकी जमकर वाहवाही हो रही है. भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह समेत कई फैंस और सेलिब्रिटी ने उनके हुनर को सलाम कर रहे हैं.