टैक्स कम करने से गोल्ड ज्वेलरी की बिक्री 22-25 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान नई
दिल्ली, । सरकार ने बजट में गोल्ड पर लगने वाले आयात शुल्क में भारी कटौती की थी। इसके कारण संगठित क्षेत्र के ज्वेलर्स की आय में चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 22 से 25 प्रतिशत का उछाल आने का अनुमान है। पहले यह आंकड़ा 17 से 19 प्रतिशत था। एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। क्रिसिल रेटिंग्स की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ज्वेलर्स की आय में उछाल की वजह अधिक मात्रा में गोल्ड का बिकना है, क्योंकि आयात शुल्क कम होने के बाद गोल्ड की कीमतों में काफी कमी आई है। अचानक से सोने की कीमतों में आई कमी के कारण इन्वेंट्री में नुकसान हुआ, लेकिन इसका प्रभाव काफी कम होगा, क्योंकि इससे मांग में सुधार होगा। रिपोर्ट में बताया गया कि ऑपरेशनल मुनाफा 40 से 60 आधार अंक कम होकर 7.1 प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत रह सकता है। क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर हिमांक शर्मा ने कहा कि आयात शुल्क का कम होना गोल्ड ज्वेलर्स के लिए मौका है कि वह त्योहारी सीजन और आने वाले शादियों के सीजन के लिए गोल्ड का स्टॉक जमा कर लें। आयात शुल्क कम होने का असर मुनाफे पर दिखेगा, लेकिन अधिक आय के कारण रिटेलर्स का कैश फ्लो अच्छा हो जाएगा। इसके कारण मजबूत विस्तार देखने को मिल सकता है। क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव अरोड़ा ने कहा कि इस वित्त वर्ष में ज्वेलर्स आरामदायक फाइनेंशियल मीट्रिक बनाए रखेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ये हमारी पिछली उम्मीदों से बेहतर होंगे, जिससे क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आम बजट 2024 में सोने पर आयात शुल्क को घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया था। पहले यह 15 प्रतिशत थी। इसके कारण सोने की कीमतों में बजट के दिन भारी कमी देखने को मिली थी।