दीपावली के लिए पहुंच रहे गांव में मिट्टी के दीए डाही / कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन हर साल दीपावली आती है
। इस साल 30 अक्टूबर को धनतेरस , 31 अक्टूबर को नरक चौदस , 1 नवंबर को महालक्ष्मी पूजन , 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा , 3 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा । पर्व को लेकर छाती , सेमरा , सेनचुवा , बिजनापुरी , बोड़रा , कसही , हंकारा , अंगारा , खम्हरिया , जुनवानी , डोमा , गुजरा , बगदेही , भेण्डरवानी , चोरभट्ठी , भुसरेंगा , बगौद , कुर्रा , बगोली , पुरी , गोपालपुरी , सरसोंपुरी , कांशिपुरी , बिरेतरा , धौराभाठा , रावनगुडा , लिमतरा , परेवाडीह , देमार , तरसीवां , अर्जुनी , सहित अन्य गांव में दिवाली त्योहार की तैयारी शुरू हो चुकी है । घरों की लिपाई – पोताई व रंग – रोगन का कार्य र्तेजी से चल रहा है । गांव में मिट्टी के दिये के अलावा मिट्टी के मटके , कलश बिकने पहुंच रहे हैं । दीपावली में दिये का महत्व अधिक है । कुम्हार मिट्टी के दीये बनाकर गांव – गांव में पहुंच रहे हैं । मटके से लेकर दीये की खरीदी ग्रामीण कर रहे हैं । प्रति मटके की कीमत 30 से 40 रूपये नग है । इसी प्रकार प्रति दीया 5 रूपये नग से बिक रहा है । जगदीश कुंभकार , लेखराम कुंभकार भी मां लक्ष्मी की प्रतिमा की अंतिम रुप दे रहे हैं ।