November 1, 2024

शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र डीजीपी पर लगाए फोन टैपिंग के आरोप

 

मुंबई,। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की डीजीपी रश्मि शुक्ला पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि शुक्ला ने महाअघाड़ी पार्टी के दिग्गजों के फोन टैप करवाए हैं।

 

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि “राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला पर गंभीर आरोप हैं। 2019 में जब हमारी सरकार बन रही थी, तो यह पुलिस पुलिस महानिदेशक सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रही थीं। वे हमारे फोन टैप कर रही थीं और देवेंद्र फडणवीस को हमारे सभी कदमों की जानकारी दे रही थीं। मेरा फोन, शरद पवार का फोन, उद्धव ठाकरे का फोन और नाना पटोले जी का फोन, उन्होंने यह सब टैप किए। क्या आप ऐसी व्यक्ति से निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कर सकते हैं? हमने कहा कि उन्हें चुनाव के काम में नहीं होना चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग ने कहा कि यह उनके अधिकार में नहीं है। लेकिन झारखंड के डीजी को बदलना उनके अधिकार में है। यह कौन सा खेल चल रहा है? महाराष्ट्र का चुनाव पुलिस के दबाव तंत्र पर चल रहा है, और इसकी जिम्मेदार रश्मि शुक्ला हैं।

उन्होंने आगे कहा, “यह केवल एक पक्ष के लिए नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के लाभ के लिए किया जा रहा है। हमारे कार्यकर्ताओं को तड़ीपार किया जा रहा है और उन पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे पुलिस महानिदेशक से हमें क्या उम्मीद हो सकती है?”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार गुजरात के कच्छ जिले में सर क्रीक दीपावली मनाते हुए कहा कि “भारत अपनी सीमा की एक ‘इंच’ जमीन से भी समझौता नहीं कर सकता। इसके जवाब में, संजय राउत ने कहा, “प्रधानमंत्री जो दावा करते हैं, उस पर विश्वास मत करिए। उन्हें लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश की स्थिति का पता है, लेकिन वे हमेशा देश से झूठ बोलते आए हैं। चीन पूरी तरह से घुस आया है, रास्ते, सड़कें, पुल और एयरबेस बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री जी देश के सामने झूठ बोल रहे हैं।”

इसके अलावा, नागपुर जिले के हिंगणा तालुका के वानाडोंगरी इलाके में वेणा नदी के किनारे किसी अज्ञात व्यक्ति ने 800 आधार कार्ड फेंक दिए थे। स्थानीय नागरिकों ने दो दिन पहले ये कार्ड नदी के किनारे पाए और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कहा, “हमने पहले ही कहा था कि फर्जी आधार कार्ड से वोटर लिस्ट में गड़बड़ की जा रही है। हर विधानसभा क्षेत्र में 5000 से 10000 फर्जी नाम डाले जा रहे हैं और असली नाम हटाए जा रहे हैं। यह उनकी मुहिम का हिस्सा है। हमने बार-बार चुनाव आयोग के सामने इस मुद्दे को उठाया, लेकिन चुनाव आयोग एक्शन लेने को तैयार नहीं है।”