गुरू नानक के विचारों को अपनाते हुए धर्म, जाति के भेद को मिटाकर मानव सेवा में रहें संलग्न: सुश्री उइके
रायपुर, 08 नवंबर 2022
राज्यपाल सुश्री अनुसुईयाराज्यपाल सुश्री अनुसुईयाराज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज सिक्ख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मोत्सव कार्यक्रम, प्रकाश पर्व में शामिल हुईं। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने धर्म और जाति के भेद को मिटाकर मानव कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। मानव मात्र की सेवा ही उनके विचारों की प्रमुखता थी। उन्होंने कहा कि सिक्ख धर्मगुरूओं के उपदेशों का अनुसरण करते हुए सभी लोगों को मानव सेवा के कार्य में संलग्न होना चाहिए।राज्यपाल सुश्री उइके आज रायपुर के खालसा स्कूल में आयोजित गुरूनानक जन्मोत्सव के कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर सिक्ख धर्मगुरूओं को नमन किया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में सिक्ख सभा को संबोधित करते हुए कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के उपदेश आज समाज के लिए अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। उनके उपदेशों की स्वीकार्यता धर्मों से परे समस्त मानव जाति में है। उन्होंने कहा कि हम सभी को उनकेे उपदेशों को आत्मसात करना चाहिए।राज्यपाल सुश्री अनुसुईयाराज्यपाल ने कहा कि श्री गुरु नानक देव न केवल महान चिंतक और दार्शनिक थे बल्कि समाज सुधारक भी थे। वे मेहनत और ईमानदारी के समर्थक थे। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में सदैव मेहनत और ईमानदारी से धन अर्जित करना चाहिए। साथ ही इसका उपयोग जनकल्याण के लिए भी करना चाहिए। उन्होंने समाज से भेद-भाव मिटाने के लिए सिक्ख धर्म में लंगर की प्रथा प्रारम्भ करवाई। लंगरों में सिख भाई अमीर हो गरीब सभी को प्रेम से भोजन परोसते हैं। ऐसी व्यवस्था दुनिया में हमें और कहीं देखने को नहीं मिलती है। उनकेे उपदेशों से ज्ञान का उजाला फैला। अपने संदेशों के माध्यम से समाज से कुरीतियों को दूर कर, समाज को एक नई दिशा देने का भी काम किया। उन्होंने विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए प्रेम, सद्भावना और भाईचारे के पथ पर चलने की प्रेरणा दी।राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज हमें यह संकल्प लेने की जरूरत है कि श्री गुरू नानक देव जी के विचारों का हमेशा अनुसरण करेंगे। आपसी सद्भाव, समरसता और प्रेम समन्वय बनाकर देश के विकास में अपनी भागीदारी निभाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि श्री गुरु नानक देव न केवल महान चिंतक और दार्शनिक थे बल्कि समाज सुधारक भी थे। वे मेहनत और ईमानदारी के समर्थक थे। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में सदैव मेहनत और ईमानदारी से धन अर्जित करना चाहिए। साथ ही इसका उपयोग जनकल्याण के लिए भी करना चाहिए। उन्होंने समाज से भेद-भाव मिटाने के लिए सिक्ख धर्म में लंगर की प्रथा प्रारम्भ करवाई। लंगरों में सिख भाई अमीर हो गरीब सभी को प्रेम से भोजन परोसते हैं। ऐसी व्यवस्था दुनिया में हमें और कहीं देखने को नहीं मिलती है। उनकेे उपदेशों से ज्ञान का उजाला फैला। अपने संदेशों के माध्यम से समाज से कुरीतियों को दूर कर, समाज को एक नई दिशा देने का भी काम किया। उन्होंने विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए प्रेम, सद्भावना और भाईचारे के पथ पर चलने की प्रेरणा दी।राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज हमें यह संकल्प लेने की जरूरत है कि श्री गुरू नानक देव जी के विचारों का हमेशा अनुसरण करेंगे। आपसी सद्भाव, समरसता और प्रेम समन्वय बनाकर देश के विकास में अपनी भागीदारी निभाएंगे।
इस अवसर पर सिक्ख समाज ने राज्यपाल को शॉल और सरोपा भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के छात्राओं ने भी शबद गायन किया। इस अवसर पर स्कूल परिसर में आयोजित मेडिकल कैंप का अवलोकन भी राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके द्वारा किया गया।इस अवसर पर विधायक द्वय श्री कुलदीप जुनेजा एवं श्री विकास उपाध्याय, श्री गुरूचरणसिंह होरा एवं श्री महेंद्र छाबड़ा सहित सिक्ख समाज के सम्मानित लोग उपस्थित थे।