November 5, 2024

भारत की पवित्र 51 नदियों का जल ले पद यात्रा कर विधायक रिकेश सेन पहुंचे सूर्यकुण्ड घाट, छठी मैया का किया अभिषेक, गंगा आरती के बाद जल सूर्यकुण्ड में समाहित

 

भिलाई नगर, 04 नवंबर। बैकुंठ धाम का सूर्य कुंड तालाब इस वर्ष छठ पूजा में अपने सुंदर और मनोहर रूप में दिखाई देगा। वर्षों से सुव्यवस्थित सूर्यकुण्ड की बाट जोह रहे लोगों की खुशी आज देखते ही बनती थी। जलेबी चौक से लिंक रोड, सर्कुलर मार्केट, शीतला मंदिर क्षेत्र से मिलन चौक 51 पवित्र नदियों के जल का कुंड सिर पर लेकर चल रहे वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन की राहों में पुष्प वर्षा कर लोगों ने पूरे मार्ग पर फूल बिछा दिए। सैकड़ों महिलाओं ने अलग अलग मोहल्लों की टीम लेकर बैकुंठ धाम के सूर्यकुण्ड को संवारने और पूर्ण अस्तित्व में लाने का माध्यम बने अपने लाडले विधायक का अभिनंदन कर कलश कुंड की आरती भी उतारी। अब बैकुंठधाम तालाब न सिर्फ छठ पूजा, तीज नहावन सहित अन्य आवश्यक परंपराओं के निर्वहन के लिए उपयुक्त होगा बल्कि आस पास के क्षेत्र का जल स्तर बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेगा। इस तालाब को वृहद, विस्तारित और विकसित स्वरूप दिलाने में गंगा जल लेकर कसम खाने वाले जनप्रतिनिधि रिकेश सेन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

सूर्य कुंड निर्माण में कोई भी शासकीय फंड नहीं मिला तो गंगा जल लेकर कसम खाने वाले विधायक रिकेश सेन ने गांव की पैतृक जमीन बेंच दी, राजेंद्र अरोरा ने भी जहां अपनी जमीन बेची वहीं पूर्व पार्षद राजेश प्रसाद ने पत्नी के गहने बेच दिए।‌ निजी प्रयास से जमा राशि में बैकुंठधाम के लोगों ने भी सहयोग दिया और लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से सूर्यकुण्ड को आज अपना पूर्ण वजूद मिला।

आज निश्चित कार्यक्रम के अनुसार विधायक रिकेश सेन ने जलेबी चौक से 51 पवित्र नदियों का एकत्रित जल कुंड सिर पर धारण किया और समर्थक भक्तों के साथ पैदल लिंक रोड, सर्कुलर मार्केट, शीतला मंदिर से दुर्गा स्कूल होते हुए मिलन चौक पहुंचे। यहां से गांधी चौक होते हुए साहू लकड़ी टाल के पास से बैकुंठ नगर में प्रवेश किया और उनकी पद यात्रा लगभग एक घंटे का भ्रमण करती हुई शाम 6 बजे बैकुंठधाम मंदिर पहुंची। यहां माता की पूजा अर्चना पश्चात विधायक कुंड धारण किए हुए सूर्यकुण्ड के गंगा घाट पहुंचे। भगवान सूर्य की पूजा अर्चना के बाद लगभग 20 मिनट तक छठी मैया का जल, दुग्ध, औषधि सहित सुवासित द्रव्य से अभिषेक किया गया। कान्हाजी महाराज की अगुवाई में विशेष पुरोहितों की टीम ने मंत्रोच्चार से अभिषेक पूजन करवाया। इसके बाद गंगा मैया की आरती शुरू हुए। सूर्यकुण्ड के चारों तट पर हजारों की संख्या में महिलाएं आरती थाल लिए शाम से ही मौजूद रहीं। जब गंगा आरती शुरू हुई तो चारों दिशाओं में केवल हजारों दीपक और ज्योत ही दिखाई पड़ रही थी।

सभी ने मां गंगा की आरती विधायक रिकेश सेन और बैकुंठ धाम के संस्थापक राजेंद्र सिंह अरोरा के साथ सम्पन्न की। इसके पश्चात छत्तीसगढ़ का राजगीत अरपा पैरी का भी गायन‌ हुआ। आरती पश्चात विधायक रिकेश सेन ने पंडितों के मंत्रोच्चार के साथ 51 पवित्र नदियों के जल को सूर्यकुण्ड में समाहित किया। इस दौरान दो दशक से बैकुंठधाम की बाट जोह रहे क्षेत्रवासियों की आंखों में आंसू भी छलक पड़े।‌पद यात्रा के दौरान 40 वर्ष का एक व्यक्ति विधायक रिकेश को साष्टांग प्रणाम करते जमीन पर लेट गया। उसने कहा कि अब भी यकीन नहीं हो रहा कि बैकुंठ धाम का सूर्यकुण्ड आपके प्रयास से वास्तविक रूप ले चुका है। जगह जगह महिलाओं ने छठ पूजन और तीज नहावन, दशगात्र जैसे आयोजनों के लिए आवश्यक सूर्य कुंड को ऐसा भव्य स्वरूप देने के लिए विधायक रिकेश सेन का आभार जताया।

सूर्यकुण्ड गंगा घाट बैकुंठधाम में पूजा अर्चना पश्चात श्री सेन ने कहा कि छठ पूजा के बाद सूर्यकुण्ड का बचा हुआ निर्माण कार्य होगा और बहुत जल्द सूर्य कुंड तालाब वैशाली नगर की एक अलग पहचान बनेगा। उन्होंने कहा कि भिलाईवासी थोड़ा सा इंतजार और करें आप सभी के आशिर्वाद और स्नेह से बहुत जल्द बैकुंठधाम का यह क्षेत्र वैशाली नगर विधानसभा का मनोरम तीर्थस्थल बनने जा रहा है। श्री सेन ने बताया कि तालाब के पास जो बोर हुआ है उससे लगातार पानी निकल रहा है। पूरी उम्मीद है कि यहां के वाटर लेबल और रिसोर्सेज से जल्द ही गर्मियों में आस पास के सूखे मोहल्लों तक हम सूर्यकुण्ड के माध्यम से वाटर सप्लाई भी कर सकेंगे। सूर्यकुण्ड के आसपास वाकिंग पाथ वे, ग्रास गार्डन, बाउंड्री वाल, म्यूजिकल फाउंटेन सहित अनेक सौंदर्य साधनों से डेवलप किया जाएगा। वैशाली नगर विधानसभा में कुल 27 तालाबों के साथ ही सभी कुओं को भी सूचीबद्ध कर रीचार्ज किया जा रहा है, बहुत जल्द विधानसभा के सभी तालाब और वाटर रिसोर्सेज इसी तरह विकसित कर वाटर लेबल बढ़ाया जाएगा। कई तालाबों पर आधा काम हो चुका है, कुछ में शुरू किया जा रहा है। आने वाले 2 से 3 वर्षों में सभी तालाब इसी स्वरूप में वैशाली नगर की पहचान बनेंगे।