नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, भिलाई-दुर्ग’ को ‘नराकास राजभाषा’ का प्रथम पुरस्कार

सदस्य संस्थानों द्वारा कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का प्रयोग तथा राजभाषा नीति के सांविधिक प्रावधानों के अनुपालन के लिए भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय, (मध्य) भोपाल द्वारा ‘नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, भिलाई-दुर्ग’ को वर्ष 2023-24 के लिए ‘नराकास राजभाषा’ के प्रथम पुरस्कार की घोषणा की गई है।
ज्ञातव्य है कि, भारत सरकार गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा केन्द्र सरकार के सभी उपक्रमों, विभागों एवं प्रतिष्ठानों में समस्त कार्यालयीन कार्य हिंदी में संपादित किया जाना सुनिश्चित करने एवं कार्यालयों में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को प्रोत्साहन हेतु देश भर के सभी शहरों में ‘नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों’ का गठन किया गया है। इसी क्रम में 26 नवंबर 1986 को नराकास, भिलाई-दुर्ग का गठन हुआ था। ट्विन सिटी भिलाई-दुर्ग में स्थित केन्द्र सरकार के सभी उपक्रम, विभाग एवं प्रतिष्ठान नराकास, भिलाई-दुर्ग के सदस्य हैं।
केन्द्र की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में इन समितियों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करने भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विभिन्न पुरस्कार दिए जाते हैं।
नराकास, भिलाई-दुर्ग को पूर्व में भी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त होते रहे हैं। प्राप्त प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कारों में उल्लेखनीय हैं, वर्ष 2015 में राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित कीर्ति पुरस्कार ‘प्रथम’ तथा वर्ष 2016 में कीर्ति पुरस्कार ‘द्वितीय।’ इनके अलावा मध्य क्षेत्रीय राजभाषा ‘प्रथम पुरस्कार’ 2013-14, 2014-15 और 2015-16 में लगातार तीन वर्ष। पुनः वर्ष 2017-18 के लिए ‘प्रथम पुरस्कार’ एवं वर्ष 2018-19 के लिए ‘तृतीय पुरस्कार’।
पुरस्कार प्राप्ति पर नराकास, भिलाई-दुर्ग को सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) भारत सरकार गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय, (मध्य) भोपाल, श्री हरीश सिंह चौहान, निदेशक प्रभारी, भिलाई इस्पात संयंत्र एवं अध्यक्ष नराकास, भिलाई-दुर्ग श्री अनिर्बान दासगुप्ता एवं कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन), भिलाई इस्पात संयंत्र श्री पवन कुमार ने पूरे नराकास परिवार को बधाई दी है।
महाप्रबंधक (संपर्क व प्रशासन, जनसंपर्क एवं प्रभारी राजभाषा), भिलाई इस्पात संयंत्र तथा सचिव, ‘नराकास, भिलाई-दुर्ग’ श्री सौमिक डे ने इस पुरस्कार का श्रेय सदस्य संस्थानों के रचनात्मक सहयोग, अनवरत प्रयासों एवं राजभाषा हिंदी के प्रगामी प्रयोग को निरंतर प्रोत्साहन को दिया है तथा विश्वास व्यक्त किया है कि, नराकास के सभी संस्थान प्रमुखगण, हिंदी अधिकारीगण एवं हिंदी प्रेमियों के योगदान से आने वाले समय में नराकास, भिलाई-दुर्ग नई सफलताएँ अर्जित करने में अवश्य ही सफल होगा।
उल्लेखनीय है कि नराकास, भिलाई-दुर्ग सचिवालय द्वारा पूरे वर्ष भर राजभाषा के प्रयोग को प्रोत्साहन के क्रम में विविध प्रतियोगिताओं, कार्यशालाओं व कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों में हिंदी में कार्यव्यवहार करने में आने वाली विभिन्न कठिनाइयों का निवारण करने का प्रयास किया जाता है। इन आयोजनों में महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान–प्रदान भी किया जाता है। प्रतियोगिताओं के माध्यम से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के विकास के साथ हिंदी ज्ञान वृद्धि तथा सदस्य संस्थानों के मध्य आपसी सामंजस्य में भी सहायता मिलती है।