बीएसपी अफसर टाउनशिप के व्यपारियों से राजस्व वसूली में चौकस, और बाजार की व्यवस्था देने अफसर है निरंकुश – ज्ञानचंद जैन
बीएसपी अफसर टाउनशिप के व्यपारियों से राजस्व वसूली में चौकस, और बाजार की व्यवस्था देने अफसर है निरंकुश – ज्ञानचंद जैन
बीएसपी सीईओ करे बाजारों का औचक निरीक्षक
सिविक सेंटर क्षेत्र में व्याप्त गंदगी, शराब दुकान में लगने वाले ठेलो का बीएसपी अफसरों का है खुला संरक्षण- दिनेश सिंघल
भिलाई। टाउनशिप बाजार क्षेत्र की समस्याओं को लेकर स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स भिलाई के पदाधिकारी एवं सदस्यों की आवश्यक बैठक 24 तारीख संध्या 4:00 सेक्टर 10 इंडियन कॉफी हाउस में आयोजित की गई है 7 बैठक में लंबे समय से नगर सेवा विभाग के द्वारा बाजार क्षेत्र की साफ सफाई व्यवस्था में लापरवाही, सीवरेज, पीने के पानी की समस्या एवं सड़क विद्युत समस्या से परेशान बाजार क्षेत्र के व्यापारियों की मिल रही लगातार शिकायतों को ध्यान में रखकर आयोजित की गई है 7 चेंबर के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन बताया कि टाउनशिप क्षेत्र के व्यापारियों से राजस्व वसूली में जहां नगर सेवा विभाग के अधिकारी चौकस रहते हैं वहीं दूसरी ओर बाजार क्षेत्र में व्यवस्था देने में विभागीय अधिकारी निरंकुश नजर आते हैं अनेक ज्वलंत समस्याएं बाजार क्षेत्र में है चेंबर अध्यक्ष ने भिलाई स्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्निबाण दासगुप्ता एव अधिशासी निदेशक कार्मिक एव प्रशासन से आग्रह किया है कि आप स्वयं बाजार क्षेत्र का निरीक्षण करें और बाजार क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण की दिशा में संबंधित अधिकारियों को आदेशित करें अन्यथा शहर के व्यापारी नगर सेवा विभाग के राजस्व को रोकने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ सकते हैं ।
चेंबर अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन महासचिव दिनेश सिंघल ने न्यू सिविक सेंटर क्षेत्र में व्याप्त गंदगी की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि मालूम नहीं क्यों शराब दुकान के आसपास लगने वाले ठेलों को नगर सेवा विभाग के अधिकारी संरक्षण देते हैं ?जिसके कारण आसपास के वातावरण को दूषित करने में इन अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ है । इस क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों से बच्चे आकर अध्ययन कर रहे हैं छेडख़ानी की घटनाएं एवं बाजार क्षेत्र में चोरी की घटनाएं भी बहुत तेजी से बढ़ी है ऐसी स्थिति में स्थानीय पुलिस प्रशासन को भी सजग होकर अपने कार्य को अंजाम देना होगा ।
इन सब विषयों पर बैठक पर गंभीरता पूर्वक चर्चा होगी और संबंधित अधिकारियों को15 दिनों का समय देकर कार्यशैली में बदलाव लाने के लिए पहल की जाएगी ।