सनातन धर्म की रक्षा के लिए घर-घर शहीद साहिबजादों की वीर गाथा पहुंचाना जरूरी है – रिकेश सेन, नेहरू नगर नानकसर गुरूद्वारा में वीर बाल दिवस पर हुए अनेक आयोजन
भिलाई नगर, 26 दिसंबर। गुरु गोबिंद सिंहजी के छोटे पुत्रों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की अद्वितीय बहादुरी और बलिदान की याद में 26 दिसंबर को प्रतिवर्ष वीर बाल दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2022 में भारत सरकार ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दिन को सिख धर्म के दसवें गुरु गोबिंद सिंहजी के दो साहिबजादों की याद में मनाया जाता है क्योंकि उनकी वीरता और पराक्रम के सामने बड़े-बड़े वीर भी छोटे पड़ जाते हैं।
आज गुरूद्वारा नानकसर नेहरू नगर में लगभग सौ बच्चों ने वीर बाल दिवस पर बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की बहादुरी पर केंद्रित चित्र और पोस्टर बनाए। इस अवसर पर विधायक रिकेश सेन द्वारा 10वीं और 12वीं परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाली मनप्रीत कौर (12वीं) को टेबलेट तथा अमनदीप सेंडो (10वी) को सायकल से पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में वैशाली नगर विधानसभा अंतर्गत सभी गुरूद्वारा प्रमुखों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने कहा कि आज हम सभी वीर बाल दिवस पर सिख समाज के उन साहिबजादों की वीरता के लिए उनका पुण्य स्मरण कर रहे हैं जिन्होंने अपनी जान दे दी मगर धर्म परिवर्तन की शर्त को नहीं माना। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी का सबसे पहले मैं आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान को वीर बाल दिवस के रूप में भारत देश में मनाने का निर्णय लिया। आज के कार्यक्रम में ढाई से तीन घंटे तक सिख समाज के बच्चों ने साहिबजादों के बलिदान और वीरता पर केंद्रित कविता और संगीतमय पाठ की प्रस्तुति दी। धर्म की रक्षा के लिए साहिबजादों का बलिदान हम सभी को अपने जीवन में न सिर्फ सबक की तरह अपनाना है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी यह बताना और समझाना होगा कि कभी भी अपने धर्म पर कोई आंच नहीं आने देना। सभी गुरूद्वारा प्रबंधकों से मेरा अनुरोध है कि वीर बाल दिवस की गाथा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है ताकि हम अपने सनातन धर्म की रक्षा कर सकें तथा आर्थिक लालच देकर मतांतरण जैसे मामले समाप्त हों।