वीर बाल दिवस के अवसर पर गुरुदुवारा पहुचे केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू
सरवंश दानी श्री गुरुगोविन्द सिंघ जी जब केवल नौ बरस के थे तब उनके पिता श्री गुरुतेग बहादुर जी ने दिल्ली के चाँदनी चौक पर हिन्दू धर्म की रक्षा के लिये अपने शीश की बलि दे दी, परिवार से मिले त्याग और बलिदान के संस्कारों से अपने सरवंश दान कर धर्म की रक्षा की श्री गुरुगोविन्द सिंघ जी के बड़े बेटे वीर योद्धा अजित सिंघ जी महज 18 वर्ष की उम्र वीर योद्धा जुझार सिंघ जी ने 14 वर्ष की उम्र में चमकौर की धरती पर मुगल सैनिकों से युद्ध करते हुए अपनी शहादत दीं । दोनों छोटे साहबजादों जोरावरसिंह महज 9 वर्ष और सबसे छोटे साहेबजादे फतेह सिंह जी 6 वर्ष की उम्र में जिन्दा दीवार में चुनवा दिया गया, दादा श्रीगुरतेग बहादुर साहिब और दादी माता गुज़री के साथ सिक्ख पंथ के दशम गुरु पिता श्री गुरुगोविन्द सिंघ के धर्म के प्रति आदर्शों को मान रखते हुए अपनी शहादत दे दी ।वीर बाल दिवस के अवसर पर संगोष्ठी एवं
शब्द कीर्तन में शामिल हुए -केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू
लोरमी – केन्द्रीय आवासन एवं शहरी विकास कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू आज भाजपा लोरमी के द्वारा
आयोजित वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जहां लोरमी पार्टी कार्यालय मे बौद्धिक संगोष्छी को
संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह दिन हमारे इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय लेकर आया है। हम सभी यहां वीर बाल दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह दिवस हमें अपने देश के उन वीर बालकों की महान गाथाओं की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने अदन्य साहस और अडिंग निष्ठा से इतिहास में अमर
स्थान बनाया।
मैं यहां विशेष रूप से साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह जी के अद्वितीय बलिदान को स्मरण करना चाहता हूं] ये दोनों बालक, गुरु गोबिंद सिंह जी के
पुत्र, जिनकी आयु मात्र 9 और 6 वर्ष थी, उन्होंने धर्म और आस्था की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया, वह
इतिहास में अनुपम और अद्धितीय है। साथियों, हमें यह याद रखना चाहिए कि इन नन्हे साहिबजादों ने एक
कूरुर और अन्यायपूर्ण सत के सामने झुकने से इनकार कर दिया। उनकी दृढ़ता और साहस ने यह साबित
कर दिया कि सच्चाई और धर्म की शक्ति के सामने कोई भी ताकत टिक नहीं सकती। उन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया, लेकिन उनका साहस अडिग रहा। यह बलिदान हमें सिखाता है कि जब हमारी संसकृति,
हमारी आस्था और हमारे मूल्यों पर संकट आए, तो हें किसी भी कीमत पर अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करना चाहिए।
शी साहूने कहा कि आज का दिन केवल इतिहास को याद करने का नहीं, बल्कि उससे प्रेरणा लेने का भी है।
हमारे देश के लाखों बच्चे और युवा इन साहिबजादों की गाथाओं से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में साहस,
ईमानदारी और निष्ठा के मूल्यों को आत्मसात कर सकते हैं। साथियों, वीर बाल दिवस मनाने का अर्थ केवल अतीत को याद करना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्षित करना है कि हम अपनेबच्चों और युवाओं को ऐसी शिक्षा और संस्कार दं, जिससे वे साहस और सच्चाई के मार्ग पर चल सकें। यह दिवस हमें अपने
आने वाली पीढ़ियों को बताने का अवसर देता है कि भारत का इतिहास केव राजा-महाराजाओं का नहीं बल्कि उन बालकों का भी है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमारे मूल्यों की रक्षा की। केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू वीर बाल दिवस के अवसर में लोरमी स्थिति गुरूद्वारा पहंचे जहां गुरुद्वारा मे माथा टेका और देशवासियों की सूख – समृद्ध की कामना किये और
शब्द कीर्तन का रसपान किये। इस अवसर पर बड़ी संख्या मे लोग उपस्थित हुऐ जिनमे प्रमुख रूप से मिडिया प्रभारी सरदार देवेन्द्र पाल सिंग उबेजा ने दी है।गुरु सिंह सभा अध्यक्ष अनिल सलूजा, अमित सलूजा उपाध्यक्ष, रितेश सलूजा सचिव, कुलजीत सिंह उबेजा सह सचिव, विकाश सलूजा सहसचिव,सरनजीत छाबड़ा कोषाध्यक्ष,स.सुरजीत सिँह उबेजा संरक्षक, मनंजीत सिँह सलूजा संरक्षक,अशोक सलूजा संरक्षक, निर्मल छाबड़ा संरक्षक, गुरमीत सलूजा संरक्षक, राजेंद्र सलूजा स्टेज सेक्रेटरी, देवेंद्र पाल सिँह, आकाश सलूजा मीडिया प्रभारी मंजीत सिँह उबेजा, नवनीत उबेजा,नितेश साहनी, रौनक सलूजा स्टोर प्रभारी उपस्थित रहे!