यूथ हॉस्टल्स भिलाई का नेचर स्टडी प्रोग्राम सम्पन्न
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यूथ हॉस्टल्स भिलाई का नेचर स्टडी प्रोग्राम सम्पन्न
*पिपरिया बाँध , बुजबुजी महादेव और बेताल रानी घाटी का प्राकृतिक सौन्दर्य देख यूथ हॉस्टलर्स हुए मंत्रमुग्ध*
भिलाई । यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया भिलाई इकाई द्वारा खैरागढ़ छुईखदान क्षेत्र में एक दिवसीय नेचर स्टडी प्रोग्राम का आयोजन किया गया । आयोजन में कुल तीस स्त्री पुरुष सदस्यों द्वारा पिपरिया बाँध छिन्दारीकला , बुजबुजी महादेव मन्दिर टोपा मड़वाभांठा और बेताल रानी घाटी का सौन्दर्यावलोकन किया गया ।
आयोजन के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए भिलाई इकाई के प्रेसिडेंट ऋषिकान्त तिवारी एवं चेयरमेन के. सुब्रमण्यम ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सौन्दर्य की दृष्टि से एक सम्पन्न प्रदेश है । यहाँ प्राकृतिक सौन्दर्य विविधताओं के साथ पूरी रंगत से मौजूद है । शीतकाल में उत्तरी क्षेत्रों से प्रवासी पक्षी यहाँ ठण्ड से बचाव और प्रजनन के लिए आते हैं । पिपरिया बाँध छिन्दारीकला इन दिनों पेंटेड स्टॉर्क्स , नॉदर्न शोवलर , यूरेशियन कर्ल्यू , कॉमन पोचार्ड , जलकुररी , बतख , लालसर , धनचिरई जैसे सैकड़ों प्रजातियों की हजारों प्रवासी पक्षियों से गुलजार है । उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की आर्द्रभूमि जैव विविधता की दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध है । पिपरिया बाँध में विभिन्न प्रकार के जलीय पक्षियों को देखकर सदस्य बहुत प्रसन्न हुए ।
भिलाई इकाई उपाध्यक्ष सुधीर अवधिया एवं सचिव सुबोध देवाँगन ने बताया कि प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द उठाने अगला पड़ाव बुजबुजी महादेव मन्दिर टोपा मड़वाभांठा रहा । यहाँ के रमणीक वातावरण से सदस्य मंत्रमुग्ध हो गये । घने जंगलों के बीच यहाँ की नैसर्गिक शान्ति भौतिकवादी जीवन शैली से मुक्त एक अलग ही एहसास कराती है । यहाँ एक कुण्ड है जिसमें से बुजबुजाता हुआ पानी के बुलबुले भूगर्भ से बाहर निकल रहे हैं । सम्भवतः बुजबुजाना ध्वनि मूलक शब्द से ही इस स्थान को बुजबुजी नाम से पहचान मिली है । भूगोल की भाषा में यह एक पातालतोड़ कुँआ है जिसमें से लगातार जल के बुलबुले फूट रहे हैं ।
नेचर स्टडी प्रोग्राम का सर्वाधिक रोमांचक और आकर्षक पड़ाव बेताल रानी घाटी रहा । इसमें हेयर पिन पैटर्न पर कुल सत्रह मोड़ हैं । यह घाटी छुईखदान से 25 किमी दूर देवरचा और बकरकट्टा के बीच है । यहाँ चारों ओर पेड़ पौधों की हरियाली और ऊँचे ऊँचे पहाड़ पर्यटकों का मन मोह लेते हैं । तीव्र ढलान और 360 डिग्री मोड़ वाले रोमांचक मार्ग इसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाते हैं ।
दुर्ग भिलाई से 100 किमी दूर राजेश मिश्रा एवं प्रतिभा मिश्रा के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न इस नेचर स्टडी प्रोग्राम में डॉ. कमल साहू , ममता साहू , निखिल त्रिपाठी , काशवी त्रिपाठी , शैलेन्द्र शर्मा , ऋषभ शर्मा , हरदेव सिंह गिल , मंजीत कौर गिल , बलबीर कौर , डॉ. जयप्रकाश साव , भारती साव , संजय साहू , सुलेखा साहू , राजेश मराठे , शिल्पा मराठे , कल्पना अवधिया , श्वेता तिवारी , सतानन्द तिवारी , संतोष गायकवाड़ , राजेश पण्डित , राज शुक्ला , गोपी यादव का सराहनीय योगदान रहा ।