बिना किसी ठोस योजना के कल्पनाओं पर आधारित निराशाजनक बजट है – पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू
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साय सरकार का बजट आम जनता के अपेक्षा और उम्मीदों के विपरीत घोर निराशाजनक रहा है.
ना इसमें युवाओं के रोजगार के संदर्भ में कोई रोड मैप दिख रहा है, ना ही महंगाई से निपटने कोई ठोस रणनीति है।
युवाओं के बेरोजगारी भत्ता, किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में कुछ नहीं है। मोदी की गारंटी में किये गये वादे 1 लाख नौकरियों के सृजन के बारे में इस वर्ष के बजट में भी कुछ नहीं है। महिलाओं के लिए 500 रू. में सिलेंडर देने के बारे में बजट में कुछ नहीं है।
* पिछले बजट में 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा किये थे एक भी भर्ती नहीं कर पाये। इस वर्ष फिर से 20,000 शिक्षकों की भर्ती की बात कर रहे है।
* इस बजट में युवाओं के रोजगार बढ़ाने के लिए, किसानों के लिए, महिलाओं के लिए कुछ नहीं है। प्रदेश की 32 प्रतिशत आबादी आदिवासी समाज के लिए बजट में कुछ नहीं है। मजदूरों और गरीबों की आमदनी बढ़ाने के लिए बजट में कुछ नहीं है।