सोनू ने छःग कि राज्यपाल से आरक्षण संशोधन को तत्काल प्रभाव से लागू करने कि मांग किए – एनएसयूआई
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आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस पार्टी कि छात्र ईकाई प्रदेश एनएसयूआई संगठन के छात्र नेताओं द्वारा राज्यपाल से आरक्षण के संशोधन विधेयक पर तत्काल हस्ताक्षर कर इसे लागू करने की मांग कर छग एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष सोनू साहू ने प्रेस रिलीज जारी कर यह मांग किए साथ ही छःग राज्य सरकार के मुखिया और कैबिनेट कि बैठक में सभी संवैधानिक पहलुओं की पड़ताल कर उसका तथ्यात्मक निराकरण करके आरक्षण संशोधन विधेयक बनाया है। जिसे विधानसभा में सत्ता पक्ष विपक्ष के विधायकों ने सर्वसमिति से पारित किया गया किंतु अब प्रदेश के लाखो छात्र
और बेरोजगार युवाओं के अधिकार में बाधा उत्पन्न नहीं होने देंगे इस लड़ाई में प्रदेश एनएसयूआई के अध्यक्ष और पूरा संगठन उन लाभन्ती वर्ग के साथ खड़ा है हम अन्याय नहीं होने देंगे सोनू साहू ने कहा कि इस पर राज्यपाल को अविलंब किए बिना हस्ताक्षर करना चाहिए। क्योंकि अनावश्यक विलंब करने से हर वर्ग को इसका नुकसान हो रहा सभी के हित में यह जरूरी है कि राजभवन विधेयक पर तत्काल निर्णय ले।
कांग्रेस सरकार ने वर्तमान विधेयक को बनाने के ठोस आधारों का अध्ययन किया है। कांग्रेस ने सर्वसमाज को आरक्षण देने अपना काम पूरी ईमानदारी से करके सभी वर्गो के लिये आरक्षण का प्रावधान किया है। अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को उनकी जनगणना के आधार पर और पिछड़ा वर्ग को क्वांटीफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्राविधान किया।
आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगो को भी चार प्रतिशत आरक्षण का प्रवधान दिया गया है। यह विधेयक यदि कानून का रूप लेगा तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंगे यदि कोई अदालत में जाएगा तो भी सरकार के पास आरक्षण के पक्ष में तमाम तर्क संगत कारण है जिसका जवाब दिया जाएगा। भविष्य में क्या होगा इसे कल्पना का आधार बनाकर विधेयक को कानून बनने से नहीं रोका जाना चाहिए।
सोनू साहू ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेताओं का जो बयान आ रहा है उससे लग रहा भाजपा राजभवन की आड़ में अब राजनीति कर रही है। आरक्षण संशोधन विधेयक में विलंब भाजपा का षड़यंत्र साफ दिखाई दे रहा है। क्योंकि यह विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद राजभवन हस्ताक्षर होने गया है।वहां क्यो रूका है? किसके कहने पर रूका है? यह सभी जानते है और समझते है। राजभवन राजनीति का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए। इसी राजभवन की आड़ में छग के भाजपा नेता अपनी राजनीति चमकाने के चलते स्कूल कॉलेजों में नए छात्र छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया से लेकर पढ़ाई पूर्ण कर चुके अभियार्थी जो सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करना चाहते है यदि यह विधेयक राजभवन से हस्ताक्षर नहीं हो पाता है तो इसे कानून का रूप नहीं दे पाएंगे जिसके कारण ना ही इसका लाभ किसी भी वर्ग को खास कर युवा वर्ग बहुत चिंतित है कही वह इस बड़े हुए आरक्षण का लाभ से वंचित ना रह जावे इसलिए बीजेपी नेता ऊन सभी लोगों के भविष्य को लेकर बधाएं उत्पन्न ना कर राजभवन चलकर सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय में अपना योगदान देवें क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के दबाव के चलते राज्यपाल अपने विवेक से निर्णय नहीं ले पा रही है जबकि राज्यपाल महोदया इससे पहले भी विभिन्न सवाधानिक पदों पर रहकर कार्य कर अपनी सेवा दे चुकी है उनके पास प्रशासनिक कार्य करने कि खास अनुभव है इसलिए उन्हें राज्य कि सवा सौ करोड़ जनता के हित को ध्यान रख बिना किसी दबाव में जल्द से जल्द सकारात्मक निर्णय लेनी चाहिए..।।