May 4, 2025

तलाक लेने पत्नी को बता दिया मानसिक रोगी, हाईकोर्ट से पति की याचिका खारिज

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बिलासपुर। पति ने अपनी पत्नी को मानसिक रूप से अस्वस्थ बता तलाक की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में आवेदन दिया, लेकिन कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं कर सका। इस पर फैमिली कोर्ट ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। पति ने फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की, जिसे भी खारिज कर दिया गया। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की डिवीजन बेंच ने कहा कि विवाह को शून्य घोषित करने के लिए ठोस प्रमाण आवश्यक हैं। पति ऐसा कोई प्रमाण पेश नहीं कर सका, जिससे यह साबित हो कि पत्नी मानसिक रूप से अस्वस्थ थी। रायगढ़ निवासी एक मुस्लिम व्यक्ति ने फैमिली कोर्ट में अर्जी दायर कर बताया कि उसका और उसकी पत्नी का विवाह 29 दिसंबर 2007 को मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था। उसने तर्क दिया कि मुस्लिम कानून के तहत विवाह एक अनुबंध होता है और यह अनुबंध धोखे से कराया गया।