जिरहुल: औषधीय गुणों से भरपूर फूल, सेहत के लिए वरदान

नई दिल्ली, )। प्रकृति ने हमें कई ऐसी सौगातें दी हैं जिनके औषधीय गुणों से हम अनजान रहते हैं। ऐसा ही एक पौधा है जिरहुल। यह आकर्षक और रंग-बिरंगा फूल न केवल बगीचों की शोभा बढ़ाता है, बल्कि इसके अनेक औषधीय गुण इसे एक अद्भुत प्राकृतिक औषधि बनाते हैं।
रिसर्च गेट की अक्टूबर 2022 की शोध के अनुसार, जिरहुल का प्रयोग आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में प्राचीन काल से होता आ रहा है। इसके फूल, पत्तियां और यहां तक कि इसकी जड़ें भी औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। आयुर्वेद में इसे त्रिदोष नाशक माना जाता है यानी यह वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करने में सहायक होता है।
जिरहुल के फूलों का सबसे अधिक उपयोग बालों की देखभाल में किया जाता है। यह बालों को झड़ने से रोकता है, डैंड्रफ कम करता है और बालों की प्राकृतिक चमक को बनाए रखता है। इसका तेल बालों की जड़ों को पोषण देता है और नए बाल उगाने में सहायक होता है।
त्वचा संबंधी समस्याओं में भी यह फूल फायदेमंद है। जिरहुल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल तत्व त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं और मुंहासे, दाग-धब्बों को कम करने में मदद करते हैं। इसका फेस पैक त्वचा को निखारने के लिए कारगर माना जाता है।
जिरहुल का सेवन चाय के रूप में किया जाए तो यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसमें प्राकृतिक रूप से मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स और फ्लावोनॉयड्स हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है।
इसके फूलों से बनी चाय पाचन तंत्र को मजबूत करती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। यह शरीर को डिटॉक्स करने का भी काम करता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
महिलाओं के लिए जिरहुल विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है। यह मासिक धर्म को नियमित करने, दर्द को कम करने और हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। कई पारंपरिक उपचारों में इसका उपयोग महिलाओं की यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए किया जाता है।
जिरहुल के फूलों को सुखाकर चाय बनाई जा सकती है। इसके पत्तों और फूलों का पेस्ट त्वचा और बालों पर लगाया जा सकता है। इसके अर्क का सेवन आयुर्वेदिक परामर्श के तहत करना उचित होता है।