भिलाई में बनेगा ‘सेल-रेल पार्क’: इस्पात और रेल की साझेदारी को समर्पित अनूठा उपवन

भारत के औद्योगिक इतिहास और सामूहिक स्मृति को जीवंत रूप देने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल के तहत, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की प्रमुख इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र ने भिलाई स्टील प्लांट ने भिलाई टाउनशिप के इंदिरा प्लेस स्थित शहीद वीर नारायण सिंह जयंती स्टेडियम के सामने ‘सेल-रेल पार्क’ के निर्माण की घोषणा की है। लगभग 7 एकड़ क्षेत्र में फैला यह पार्क स्टेडियम के पार्किंग क्षेत्र में स्थित है और प्रसिद्ध “फ्लाइट ऑफ स्टील” शिल्पकला के पास बनाया जा रहा है, जिससे यह टाउनशिप के मध्य में एक प्रमुख और सुगम आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।
यह पार्क, जो देश में अपने प्रकार का प्रथम थीम आधारित सार्वजनिक उपवन होगा, न केवल सेल और भारतीय रेल के सात दशकों से भी अधिक पुराने संबंध का प्रतीक बनेगा, बल्कि भिलाई के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य को भी समृद्ध करेगा। इस परियोजना को वर्ष 2026 तक पूर्ण करके प्रारंभ करने की संभावना है।
भिलाई इस्पात संयंत्र, जो स्वतंत्र भारत के इस्पात और रेल बुनियादी ढांचे का मेरुदंड रहा है, ने भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय रेल पटरी उपलब्ध कराकर देश के हर कोने को आपस जोड़ा है। संयंत्र द्वारा ‘सेल-रेल पार्क’ इस औद्योगिक विरासत को आमजन के लिए सजीव अनुभव में बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जहाँ लोग इस्पात और रेल के अंतर्संबंधों को देख, समझ और अनुभव कर सकें।
इस उपवन का प्रमुख आकर्षण होगी एक 410 मीटर लंबी ‘जॉय-राइड ट्रैक’, जिस पर एक छोटी टाॅय रेल कार चार कलात्मक स्टेशनों से गुजरेगी। ये स्टेशन इस्पात निर्माण की विभिन्न अवस्थाओं को दर्शाएंगे, जिनमें कच्चे माल की प्राप्ति से लेकर ब्लास्ट फर्नेस, रोलिंग मिल और रेल पटरियों के डिस्पैच तक की पूरी प्रक्रिया को रोचक ढंग से प्रदर्शित किया जाएगा। यह रचनात्मक संयोजन छात्रों, पर्यटकों और इस्पात-रेल उद्योग में रूचि रखने वालों के लिए एक आकर्षक व शैक्षिक स्थल सिद्ध होगा।
इस पार्क का विकास बिल्ड-ओन-ऑपरेट (बीओओ) मॉडल के तहत किया जायेगा, जिससे नवाचार की संभावनाएं खुलती हैं और दीर्घकालीन संचालन सुनिश्चित होता है। यह उपवन केवल एक औद्योगिक प्रदर्शन स्थल ही नहीं, बल्कि भिलाई के नागरिकों के लिए एक पूर्ण सार्वजनिक मनोरंजन स्थल के रूप में उपयोगी सिद्ध होगा।
पार्क की शोभा बढ़ाने हेतु 1520 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का एक तालाब और एक खूबसूरत जलप्रपात भी निर्मित किया जाएगा, जो न केवल जैव विविधता को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि जल पुनर्भरण में भी सहायक सिद्ध होगा। प्राकृतिक तत्व के साथ एक शांतिपूर्ण वातावरण का सृजन यहाँ आने वाले परिवारों, बच्चों तथा वरिष्ठ नागरिकों को विशेष रूप से आकर्षित करेगा।
पार्क में छायादार पगडंडियाँ होंगी, जिनके किनारे वृक्षों की छाया में ‘वॉटर बबलर्स’ (पेयजल सुविधा) उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे भिलाई की उष्ण जलवायु में आगंतुकों को राहत मिल सके। युवाओं और फिटनेस प्रेमियों के लिए एक समर्पित स्केटिंग कोर्ट और बच्चों के लिए रचनात्मक एवं सुरक्षित प्ले एरिया की भी योजना है।
इस हरित उपवन की सुंदरता को टीलानुमा भू-दृश्य, पाषाण कलाकृतियों और एक रॉक गार्डन से और भी निखारा जाएगा, जो सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की कलात्मक दृष्टि और पारिस्थितिक चेतना का प्रतीक होगा।
पार्क में चार आधुनिक फूड कोर्ट भी स्थापित की जाएंगी, जो स्वच्छ एवं विविध प्रकार के भोजन विकल्प प्रदान करेंगी। ये सुविधाएं न केवल आगंतुकों को आकर्षित करेंगी, बल्कि पार्क के आत्मनिर्भर संचालन में भी सहायक होंगी।
‘सेल-रेल पार्क’ भिलाई की पहचान को एक नया आयाम देगा, न केवल एक पर्यटक गंतव्य के रूप में, बल्कि एक सामुदायिक गौरव के प्रतीक के रूप में। यह परियोजना सेल की उस व्यापक दृष्टि को मूर्त रूप देती है, जिसमें सतत शहरी विकास, कर्मचारी कल्याण तथा जन-संलग्नता को केंद्रीय महत्व प्राप्त है।
सेल द्वारा एक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) पहले ही जारी किया जा चुका है और अब सेल ऐसे साझेदारों की तलाश कर रहा है जो रचनात्मकता, संचालन दक्षता और इस पार्क की मूल भावना से मेल खाती दृष्टि के साथ इस परियोजना में भागीदार बन सकें। इच्छुक पार्टियां विस्तृत जानकारी के लिए सेल की आधिकारिक वेबसाइट www.sailtenders.co.in पर उपलब्ध ईओआई दस्तावेज़ प्राप्त कर सकते हैं। ईओआई जमा करने की अंतिम तिथि 3 मई 2025 है। इस प्रक्रिया के पश्चात सेल द्वारा उपयुक्त भागीदारों का चयन किया जाएगा।
जैसे-जैसे भिलाई एक आधुनिक नगरी के रूप में विकसित हो रहा है, तब यह ‘सेल-रेल पार्क’ उसकी जड़ों की एक जीवंत और प्रेरणादायक याद दिलाता रहेगा, एक ऐसा स्थान, जहाँ भारत के इस्पात और रेल के महायात्रा को सम्मानपूर्वक समझा और जिया जा सके।
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