April 29, 2025

शरीर में किसी भी बीमारी का पता लगाने के लिए कई तरह की जांच से गुजरना होता है।

IMG_20230324_145032_590

इसमें समय और धन दोनों खर्च होते हैं। इसी प्रक्रिया को सरल और सस्ती करने के नजरिए से आईआईटी भिलाई फिजिक्स डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर ध्रुवप्रताप सिंह ने एक खोज की है। उन्होंने माइक्रो रोबोट का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया है। इसकी खासियत यह कि बॉडी के किसी भी हिस्से में जाकर सेंस कर सकता है और चाही गई जानकारी फौरन जुटा सकता है। रिसर्च टीम में रिसर्च स्कॉलर श्रीकांत देवता और सुवेंदु कुमार पांडा शामिल हैं जिन्हें ध्रुवप्रताप लीड कर रहे हैं।

 

ध्रुवप्रताप बताते हैं, बॉडी में कैंसर सेल्स या ट्यूमर सेल्स को डायग्नोस करने उस हिस्से का सेंपल लेना पड़ता है। यह कठिन और समय लेने वाली प्रक्रिया है। बॉडी में कई तरह के पार्ट होते हैं। कुछ हिस्से अलग-अलग केमेस्ट्री में रिएक्शन कर रहे होते हैं। इन्हें लॉर्ज वॉल्यूम में सेंस करने का काम माइक्रो रोबो करेगा।
छोटी लोकेशन भी टारगेट पॉइंट

इस मॉडल की खास बात बॉडी के छोटी से छोटी लोकेशन को टारगेट करना है। बॉडी में हो रहे बदलाव को सेंस करके सिग्नल मिलने से न सिर्फ बीमारी को जल्द से जल्द पहचाना जा सकेगा बल्कि इलाज की प्रक्रिया भी जल्दी शुरू की जा सकेगी।
डेढ़ साल से चल रहा काम

ध्रुवप्रताप ने बताया, इस मॉडल पर डेढ़ साल से रिसर्च चल रही है। माइक्रो रोबो पर पहले भी काम करते रहे हैं। उस वक्त हमने बैक्टीरिया और सेल्स को इंट्रैक्ट करने का काम किया था। उसी दौरान उसी दौरान लगा कि इसे सेंस भी कर सकते हैं। इसके प्रेजेंस को देखने के लिए फंक्शनल मेटेरियल की कोटिंग कर रिसर्च शुरू किया। हालांकि हम अभी बॉडी तक नहीं पहुंचे हैं। हमने ट्यूमर और कैंसर सेल्स कॉ मॉडल बनाकर लैब में उसी साइज के वॉल्यूम और रेशियों में जेनेरेट किया।
स्टार्ट पॉइंट में माइक्रो रोबो

डाइग्राम में दिखाई दे रहा है कि स्टार्ट पाइंट में माइक्रो रोबोट की एंट्री हुई है। शुरुआती तौर पर सिग्नल कमजोर है इसलिए पीएच भी वीक है। माइक्रो रोबो को आर्टिफिशियल सेल्स तक और उसके बाद फाइरल पॉइंट तक ले जाया गया जहां सिग्नल हाई मिला और पीएच भी हाई लेवल तक पहुंच गया।