जब ताबूत खोलते ही परिजनों के होश उड़े…

पश्चिम सिंहभूम: झारखण्ड के पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर में बूढ़े मां-बाप अपने बेटे अह्लाद नंदन महतो की डेडबॉडी की राह तक रहे थे. ईरान से भारत डेडबॉडी आने में एक महीने का वक्त लग गया. लेकिन जब डेडबॉडी घर आई और ताबूत खोला गया तो घरवालों के पैरों तले जमीन खिसक गयी. क्योंकि ताबूत में रखी डेडबॉडी किसी दूसरे शख्स की थी. दरअसल झारखंड के मनोहरपुर पहुंची डेडबॉडी यूपी के जौनपुर के युवक शिवेंद्र प्रताप सिंह का निकला. परिजनों का आरोप है कि एक माह के लंबे इंतजार और तमाम जटिल सरकारी प्रक्रियाओं के बाद भी शव बदल जाना यह केवल एक ‘गलती’ नहीं, बल्कि एक अमानवीय क्रूरता है. यह घटना भारत के सिस्टम की पोल खोलती है. जहां गरीबों के साथ सहयोग के नाम पर सिर्फ भद्दा मजाक किया जा रहा है.