पहलगाम के शहीदों को आगर साहित्य समिति मुंगेली ने दी श्रद्धांजलि

मुंगेली/पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पूरा देश रोष और गुस्से से भरा हुआ है । अपनों को खोने का गम है, जिस प्रकार से आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी वह अत्यंत आहत करने वाला है । नगर की सबसे पुरानी साहित्यिक संस्था आगर साहित्य समिति के साहित्यकारों ने एक विचार गोष्ठी के माध्यम से अपनी बातें रखी । इस अवसर पर संस्था के संयोजक प्रो. अशोक गुप्ता ने कहा- इस तरह का कायराना हमला हृदय को झकझोर देने वाला है । हम सरकार से उम्मीद करते हैं, कि इसका बदला सख्त से सख्त लिया जायेगा। वरिष्ठ साहित्यकार और वकील रविन्दर सिंह छाबड़ा ने कहा- देश कब तक इस तरह के पड़ोसी आतंकी घटनाओं को झेलते रहेगा ? एक बार भारत को कड़ा संदेश देने की आवश्यकता है। जिससे इस तरह फिर दोबारा घटना ना घटे। साहित्यकार व गजलकार स्वतंत्र तिवारी ने कहा – यह घटना बहुत ही पीड़ादायक है पड़ोसी देश को कायराना हरकत के लिए सबक सिखाने का सही वक्त आ गया है । इस समय देश को एकजुट-एक स्वर होने की जरूरत है । समिति के अध्यक्ष देवेंद्र परिहार ने कहा – आजादी के बाद देश ही भारत निरंतर आतंकी घटनाओं को झेलते आ रहा है, लेकिन एक तरफा शांति का विचार सफल नहीं होता है । जब पड़ोसी मुल्क जंग चाहता है तो उसे उसकी भाषा में समझाने की जरूरत है । देश के विकास और शांति की स्थापना में इस तरह के हमले का कोई स्थान नहीं है । इस अवसर पर आगर साहित्य समिति के सचिव देव गोस्वामी ने भी आतंकी घटना की निंदा की । अंत में आगर साहित्य समिति के सभी साहित्यकारों ने पहलगाम में अपने प्राण को निछावर करने वाली आत्माओं की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया । विचार गोष्ठी और श्रद्धांजलि सभा में प्रोफेसर अशोक गुप्ता, राकेश गुप्त निर्मल, रविन्दर सिंह छाबड़ा, देवेंद्र परिहार, स्वतंत्र तिवारी,महेंद्र यादव, देव गोस्वामी, हूप सिंह क्षत्रिय, मोहन उपाध्याय, श्रीमती विभा सोनी, ज्वाला प्रसाद कश्यप, रामा साहू, अशोक यादव सहित आगर साहित्य समिति मुंगेली के साहित्यकार उपस्थित रहे ।