सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, पिता से उसकी 8 साल की बेटी की कस्टडी यह कहते हुए छीन ली…

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए एक शख्स को अपनी आठ वर्षीय बेटी की अंतरिम कस्टडी से इसलिए वंचित कर दिया गया, क्योंकि वह अपनी बेटी के साथ रहने के दौरान एक भी दिन घर का बना खाना उपलब्ध नहीं करा सका. कोर्ट ने यह फैसला बच्चे के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सुनाया. मामला केरल हाईकोर्ट के उस आदेश से जुड़ा था जिसमें माता-पिता को हर महीने 15-15 दिन के लिए बच्ची की देखभाल करने की व्यवस्था दी गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ- जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता ने बच्ची से बातचीत और उसकी स्थिति का आकलन करने के बाद पाया कि पिता द्वारा उपलब्ध कराया गया माहौल बच्ची के लिए उपयुक्त नहीं है.