May 18, 2024

आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या डॉक्टर समणी ज्योतिप्रज्ञा के सानिध्य में लोगस्स कार्यशाला का आयोजन

आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या डॉक्टर समणी ज्योतिप्रज्ञा के सानिध्य में लोगस्स कार्यशाला का आयोजन हुआ। संसार समुद्र से पार करने के लिए लोगस्स चौबीस तीर्थंकरों की स्तुति आज के युग में सशक्त माध्यम है। लोगस्स पाठ से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक लाभ होता है। जीवन व्यवहार में खुशी का माहौल पैदा होता है। नकारात्मक ऊर्जा व बुरी शक्तियों को लोगस्स के द्वारा नष्ट किया जा सकता है। लोगस्स स्वयं सिद्ध मंत्र है जो आत्मिक आनंद व आरोग्य प्रदान करता है।

प्रोजक्ट के माध्यम से लोगस्स को शानदार तरीके से समझाया गया। मंगलाचरण वीरं वीरं का जाप जपे, वीडियो के माध्यम से हुआ। डॉक्टर समणी मानसप्रज्ञा ने ध्यान का प्रयोग करवाया। सऊदी अरब से समागत तत्वज्ञानी स्वाति बरड़िया का साहित्य से सम्मान किया गया । स्वाति बरड़िया ने अपने विचार रखते हुए कहां हम अनार्य देश में है। देव गुरु धर्म के प्रताप व आपके आशीर्वाद से हम भारतीय संस्कृति व जैन धर्म से जुड़े हुए हैं। महिला मंडल अध्यक्ष आशा जी ने स्वाति बरड़िया का परिचय दिया। उपस्थित धार्मिक भाइयों एवं बहनों ने ओम अरहम की ध्वनि से माहौल को सुंदरतम बनाया।