उत्तर भारत में भारी बारिश से आफत, पर इन 12 राज्यों में रूठे इंद्रदेव, जानें मौसम का हाल…
आजकल देश में मानसून की बारिश दर्ज की जा रही है। कही बारिश से राहत, तो कही आफत बनी हुई है। पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं के कारण पिछले सप्ताह उत्तर भारत में तेज बारिश हुई है। वहीं, दूसरी ओर 12 ऐसे राज्य हैं, जहां कमजोर मानसून के कारण बारिश में जबर्दस्त कमी आई है।
बता दें, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, बिहार और झारखंड जैसे 12 मध्य, दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्य अभी भी कमजोर मानसून से गुजर रहे हैं। वहीं, 1 जून से शुरू होने वाले मानसून के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के बारिश के आंकड़ों से पता चलता है कि तमिलनाडु को छोड़कर सभी दक्षिणी राज्यों में इस सीजन में उम्मीद से कम बारिश हुई है।
जुलाई के पहले सप्ताह में दक्षिण में भारी बारिश केरल और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों तक ही सीमित थी, जबकि मुख्य भूमि पर पर्याप्त वर्षा नहीं हुई थी। इसके अलावा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्सों में फसलों की बुआई में देरी हो गई है। कर्नाटक और तेलंगाना सरकारों ने कमजोर मानसून की बात कही है।
तेलंगाना राज्य विकास और योजना सोसायटी (टीएसडीपीएस) के अनुसार, राज्य में 1 जून से 11 जुलाई तक 150.4 मिमी बारिश दर्ज की थी। यानी सामान्य वर्षा 197.5 मिमी की तुलना में काफी कम बारिश हुई थी। जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान राज्य में 395.6 मिमी भारी बारिश दर्ज की गई थी।
टीएसडीपीएस के बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले साल की तुलना में, तेलंगाना में -65 फीसदी बारिश में कमी देखी गई है। इसमें कहा गया है कि मानसून 24 जून से शुरू हुआ और अनियमित रहा है। विकाराबाद, संगारेड्डी, सिद्दीपेट और नारायणपेट में सामान्य से थोड़ी अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि इन्हें छोड़कर शेष सभी 29 जिलों में कम बारिश हुई है।
कर्नाटक में, अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश प्रमुख बांध जैसे कृष्णराजसागर (केआरएस) बांध, जो बेंगलुरु के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत है, लगभग सूखने की कगार पर है। अधिकतम 124.8 फीट की तुलना में 30 फीट नीचे जल स्तर बना हुआ है। तुलनात्मक रूप से पिछले वर्ष जलस्तर 106.5 फीट था।