टीएस सिंहदेव का बयान, डिप्टी CM का कोई पावर नहीं होता, ये एक प्रोटोकॉल, एक दर्जा और सम्मान हैं..
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे और आखिरी दिन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और भाजपा की तरफ से पेश किये गए आरोप पत्र पर जमकर हंगामा हुआ। इस बीच उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने पद को लेकर बड़ा बयान दिया हैं। उन्होंने बताया कि डिप्टी सीएम का कोई पावर नहीं होता। यह एक प्रोटोकॉल है, एक दर्जा और सम्मान है। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि वरिष्ठ सदस्य अशोभनीय भाषा का प्रयोग करेंगे इसकी उम्मीद उन्हें नहीं थी। बताया अविश्वास प्रस्ताव में 109 बिंदु पर अपनी तरफ से तैयारी पूरी है।
बता दे कि आज छत्तीसगढ़ के विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन रहा। उम्मीद के मुताबिक़ सत्र का आखिरी और चौथा दिन हंगामेदार रहा। एक ओर जहां भाजपा की तरफ से राज्य सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी हैं तो वही नेता आपस में श्रीराम को लेकर आपस में भिड़ रहे हैं। इसके अलावा विपक्ष ने सरकार के खिलाफ 109 पन्नो का आरोप पत्र भी लाया है।
प्रश्नकाल में आज आदिम जाति विकास मंत्री मोहन मरकाम, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रवींद्र चौबे, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिल भेड़िया अपने विभाग से जुड़े प्रश्नों का उत्तर दे रहे। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, पिछड़ा वर्ग एवं ग्रामीण विकास मंत्री मोहन मरकाम विभिन्न पत्रों को पटल पर रखा।
दरअसल कार्रवाई के आखिर दिन विधानसभा में भाजपा नेताओं की तरफ से ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए गए। इस नारेबाजी के बाद कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा युद्धक राम की बाते कर रहे है जबकि उनके राम प्रेम बांटने वाले हैं।
रविंद्र चौबे के इस जवाब पर पलटवार करते हुए शिवरतन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस श्रीराम का विरोध करते करती हैं। भाजपा के इस दावे पर रविंद्र चौबे हमलावर हो गए उन्होंने इतिहास याद दिलाते हुए कहा कांग्रेस ने श्रीराम मंदिर का ताला खुलवाया था। चौबे के इस दावे पर धरमलाल कौशिक ने पलटवार किया कि कोर्ट के आदेश से ताला खुला है। वाद-विवाद बढ़ा तो रविंद्र चौबे ने कहा राम मंदिर भी कोर्ट के आदेश पर बन रहा हैं।