मुंगेली बिलासपुर संभाग ओबीसी महासभा की बैठक सम्पन्न
लोरमी: राष्ट्रीय कोर कमेटी के निर्देशन में वर्चुअल मीटिंग आयोजित कर ओबीसी महासभा ने बिलासपुर संभाग में होने वाले आगामी सम्मेलन की समीक्षा किए। इस योजना बैठक में मुख्य अतिथि एडवोकेट धर्मेंद्र सिंह कुशवाहा जी राष्ट्रीय समिति सदस्य एवं अध्यक्षता डॉ पुष्प राज सिंह पटेल जी छत्तीसगढ़ प्रभारी ने किया। कार्यक्रम में अगस्त माह में होने वाले सम्मेलन की रूपरेखा तैयार करने आहूत की गई थी। ओबीसी महासभा ने छत्तीसगढ़ में लंबित आरक्षण विधेयक में राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने का निंदा करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार बनाने इच्छुक राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र में मंडल आयोग की अनुशंसा, जाति जनगणना और ओबीसी मुद्दो को शामिल कराने का हर सम्भव दबाव बनाने रणनीति बनी। ग्रामीण इकाई के गठन जल्दी शुरू कर संगठन को मजबूती प्रदान करने हेतु एडवोकेट धर्मेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कार्यकर्ताओं को अपना इगो कम कर संगठन बढ़ाने का काम करना चाहिए, राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं हो पाना महासभा के लिए शर्म की बात है, कहीं ना कहीं ओबीसी महासभा से चूक हो गयी हैं, पुष्पराज पटेल ने राजनैतिक पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं से कहा वे सभी संगठन छोड़ दें और अपने पार्टी पर ध्यान दें। ओबीसी महासभा उनका हर समय साथ है। संगठन और राजनीति एक साथ ठीक नहीं है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम ने संबोधित करते हुए महासभा के कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। बालोद जिला के यज्ञ देव पटेल ने ओबीसी इतिहास पर विस्तृत जानकारी बैठक में रखा। मुंगेली ओबीसी के जिलाध्यक्ष लोकेन्द्र कुमार साहू ने कहा कि सभी सांसद और विधायक के निवास का घेराव कर धरना प्रदर्शन का समय आ गया है। ओबीसी समाज से आते हुए भी कोई अपने हक की बात अपने संगठन में नहीं रख सके। उन्हें अपने टिकट कटने का डर है। कार्यक्रम को सफल बनाने सभी पदाधिकारी को मौका दिया गया जिनमें प्रदेश प्रभारी वैज्ञानिक कीर्ति कश्यप, डॉ रमेश कश्यप, अभिलाष जायसवाल, मनीष दीपक, नकुल रजवाड़ों, दीप्ति धुरंधर, विप्लव साहू, डॉ आई डी आशिया, पंचम साह,केदारनाथ विश्वकर्मा, कृष्णा प्रजापति, भगवती सोनकर, हरीश साहू, अजय निर्मलकर,गजेंद्र जायसवाल सहित बहुत से कार्यकर्ता पदाधिकारी जुड़े सभी ने वक्तव्य रखा। वर्चुअल मीटिंग में आगामी अगस्त माह में सफल आयोजन बिलासपुर में करने आम सहमति बनी।