खाद्य तेल तिलहन कीमतों में गिरावट
दिल्ली, 3 अगस्त विदेशों में मिले जुले रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सरसों तिलहन और मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे जबकि सरसों तेल, सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल एवं पामोलीन और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट रही।
शिकागो एक्सचेंज में खास घट बढ़ नहीं है जबकि मलेशिया एक्सचेंज में फिलहाल गिरावट का रुख है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि देश में खाद्य तेलों का अंधाधुंध सस्ता आयात जारी है लेकिन अब यह भी देखने की जरुरत है कि उपभोक्ताओं को यह सस्ता मिल रहा है या नहीं। अधिकतम खुदरा मूल्य अभी भी अधिक बना हुआ है। यह परिस्थिति देशी तेल तिलहन उद्योग के लिए कहीं से अच्छा नहीं है क्योंकि इससे देश के तेल तिलहन उत्पादन प्रभावित होंगे और विदेशों पर निर्भरता बढ़ने से हमें विदेशी बाजारों के घट बढ़ की बाट जोहनी होगी।
बुवाई के दौरान भी कपास का रकबा तो घटा ही है इसके साथ साथ सूरजमुखी के रकबे में अच्छी खासी कमी आई है। खाद्यतेलों के लिए आयात पर निर्भरता बढ़ने के बाद विदेशों में दाम बढ़ने की स्थिति हुई तो देश को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
सूत्रों ने कहा कि इन दिनों रुपया निरंतर कमजोर हो रहा है जिससे आयात की लागत अधिक बैठ रही है। तिलहन खेती का रकबा कम हो रहा है और एमआरपी अधिक रखे जाने की वजह से उपभोक्ताओं को भी सस्ता आयातित तेल, सस्ता नहीं मिल रहा है।
देशी तेल पेराई मिलों के पास काम नहीं है दूसरी ओर खल और डीओसी का उत्पादन भी घटने के आसार बन गये हैं जिससे मुर्गीपालन और दूध का कारोबार प्रभावित होने का अंदेशा है। जब सस्ते आयातित तेलों की भरमार की वजह से किसानों की तिलहन फसल बाजार में खपेंगे ही नहीं तो वह तिलहन खेती का रुख क्यों करेंगे ?
सूत्रों ने कहा कि किसानों के कम दाम पर बिकवाली से बचने के कारण सरसों तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर रहे। जबकि सस्ते आयातित तेलों की भरमार की वजह से सरसों तेल के दाम कमजोर बंद हुए। मूंगफली की फसल काफी कम है और इसकी मांग भी है जिससे इसके दाम भी पूर्वस्तर पर बने रहे।
विदेशी बाजारों के मंदा रहने और आयातित तेलों की प्रचूरता की वजह से सोयाबीन तेल तिलहन, सीपीओ एवं पामोलीन के दाम में भी गिरावट आई। बिनौला कम मात्रा में उपलब्ध है और जो भी माल है उसमें ज्यादातर अच्छी गुणवत्ता के नहीं है। सस्ते आयातित तेलों के दवाब में इसमें भी गिरावट रही।
बृहस्पतिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 5,700-5,750 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 7,725-7,775 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 18,700 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,705-2,990 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,900 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,805 -1,895 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,805 -1,915 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,150 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,550 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,5 00 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 5,080-5,175 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,845-4,940 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,015 रुपये प्रति क्विंटल।