रेप में 20 तो मॉब लिंचिंग में 7 साल की सजा, फांसी और राजद्रोह पर भी बदलेंगे कानून, अमित शाह के ऐलान की 10 बड़ी बातें
इस बिल के सबसे पहले चैप्टर में महिलाओं और बच्चों के साथ अपराध को रखा गया है. दूसरा चैप्टर मानव वध और मानव शरीर के खिलाफ अपराध को लेकर है.
इतना ही नहीं यौन उत्पीड़न की पीड़िता के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग करानी अनिवार्य होगी. 90 दिन में उसकी स्टेटस रिपोर्ट भेजनी होगी. इतना ही नहीं 7 साल से अधिक सजा के प्रावधान वाले केसों में पीड़िता को सुने बिना उस केस को खत्म नहीं किया जा सकेगा.
अब जीरो एफआईआर को मजबूत किया जाएगा और कोई भी शख्स कहीं से भी जीरो एफआईआर करा सकता है. अपराध की रिपोर्ट को 15 दिन में संबंधित थाने को भेजना होगा. इस बिल के मुताबिक, 90 दिन में आरोप की चार्जशीट फाइल करनी होगी. सिविल सर्वेंट के खिलाफ पुलिस को चार्जशीट के लिए अनुमति लेनी होगी.
किसी को अगर पुलिस हिरासत में लेती है तो उस शख्स के परिवारवालों को ऑनलाइन और कागजी रूप में सूचना देना अनिवार्य होगा.
दाऊद इब्राहिम जैसे भगोड़े अपराधी की अनुपस्थिति में ट्रायल होगा और सजा भी दी जाएगी.
मौत की सजा वाले अपराधियों को आजीवन में बदलाव हो सकता है, लेकिन ऐसे अपराधियों को किसी भी तरह छोड़ा नहीं जाएगा.
राजद्रोह को कमप्लीट खत्म किया जा रहा. पहली बार टेररिज्म की व्याख्या और संपति को जब्त किया जाएगा. कोर्ट ऑर्डर करेगा पुलिस नहीं करेगी.
बलात्कार पर 20 साल की कैद का प्रावधान और 18 साल की कम उम्र की बच्ची से बलात्कार पर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है.
अब सर्च और जब्ती के दौरान वीडियो रिकॉर्ड अनिवार्य होगी. इन नए कानून का लक्ष्य दोषी सिद्धी को 90 प्रतिशत से ऊपर तक ले जाना है. जिन अपराधों में 7 साल या उससे ज्यादा की सजा उन सभी अपराधों के क्राइम साइट पर फॉरेंसिक टीम का जाना अनिवार्य होगा.
थानों में टूटी फूटी गाड़ियों का ढेर खत्म होगा. उसको वीडियोग्राफी करके इनको डिस्पोज ऑफ किया जाएगा. सबको ज्यादा से ज्यादा 3 साल में सजा करवाने का प्रावधान होगा.