April 10, 2025

क्यों चुना गया आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख…जानिए

440

भारत को 15 अगस्त, 1947 में ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली थी। यह पूरे देश के लिए गर्व और खुशी का दिन था। आजादी के इसी महोत्सव को हर साल 15 अगस्त के दिन देशभर में धूम के साथ मनाया जाता है। साथ ही, यह दिन उन स्वतंत्रता सैनानियों की कुर्बानी याद करने का है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। इस मौके पर जानिए स्वतंत्रता दिवस के इतिहास, महत्व और कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जो हर देशवासी का सीना गर्व से फुला देते हैं।

पहले भारत को 30 जून 1948 को आजादी मिलने वाली थी। लेकिन उसी समय भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे का मुद्दा चल रहा था। जिस वजह से भारत को 15 अगस्त 1947 को ही आजाद कर दिया गया।

जानिए क्यों इसी दिन आजादी का जश्न मनाते हैं, ये दिन ही आजादी देने के लिए क्यों चुना गया। उस समय भारत में लॉर्ड माउंटबेटन का शासन था। माउंटबेटन ने ही निजी तौर पर भारत की स्‍वतंत्रता के लिए 15 अगस्‍त का दिन तय करके रखा था। बताया जाता है कि इस दिन को वे अपने कार्यकाल के लिए बहुत सौभाग्‍यशाली मानते थे। इसके पीछे दूसरी खास वजह ये थी कि दूसरे विश्‍व युद्ध के दौरान 1945 में 15 अगस्‍त के ही दिन जापान की सेना ने ब्रिटेन के सामने उनकी अगुवाई में आत्‍मसमर्पण कर दिया था।

लॉर्ड माउंटबेटन की योजना वाली 3 जून की तारीख पर स्‍वतंत्रता और विभाजन के संदर्भ में हुई बैठक में ही यह तय किया गया था। 3 जून के प्‍लान में जब स्‍वतंत्रता का दिन तय किया गया उसे सार्वजनिक रूप से घोषित किया गया तब देश भर के ज्‍योतिषियों में आक्रोश पैदा हुआ क्‍योंकि ज्‍योतिषीय गणना के अनुसार 15 अगस्‍त 1947 का दिन अशुभ और अमंगलकारी था।
विकल्‍प के तौर पर दूसरी तिथियां भी सुझाई गईं लेकिन माउंटबेटन 15 अगस्‍त की तारीख पर ही अड़े रहे, ये उनके लिए खास तारीख थी।

आखिरी समस्‍या का हल निकालते हुए ज्‍योतिषियों ने बीच का रास्‍ता निकाला। फिर 14 और 15 अगस्‍त की मध्‍यरात्रि का समय सुझाया और इसके पीछे अंग्रेजी समय का ही हवाला दिया गया। अंग्रेजी परंपरा में रात 12 बजे के बाद नया दिन शुरू होता है। वहीं हिंदी गणना के अनुसार नए दिन का आरंभ सूर्योदय के साथ होता है।