November 23, 2024

‘अगर G20 डिनर में नहीं जाती ममता बनर्जी, तो कुरान..’, बंगाल सीएम पर क्यों भड़की कांग्रेस ?

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार (10 सितंबर) को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित G20 रात्रिभोज में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की है। पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन ने इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर यह तर्क देते हुए आपत्ति जताई कि इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ ममता का रुख कमजोर होगा। अधीर रंजन ने कहा कि, ‘अगर वह रात्रिभोज में शामिल नहीं होती, तो कुछ नहीं होता। कोई आसमान नहीं गिर जाता। महाभारत अशुद्ध नहीं हो जाती, कुरान अशुद्ध नहीं हो जाती।’

कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल उठाया कि क्या तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो के कार्यक्रम में भाग लेने का कोई अन्य कारण था क्योंकि, “खाने की मेज पर, बंगाल की मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ थीं।”  बता दें कि, सीएम ममता शुक्रवार को दिल्ली पहुंची थीं, जबकि अगले दिन डिनर पार्टी रखी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उनकी फ्लाइट शनिवार के लिए निर्धारित थी, मगर दिल्ली और उसके आसपास उड़ान संचालन के नियमों के कारण इसे शुक्रवार दोपहर के लिए पुनर्निर्धारित किया गया था। अधीर चौधरी ने यह भी कहा कि कई गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज कार्यक्रम में भाग लेने से परहेज किया, लेकिन ममता बनर्जी “जल्दबाजी में दिल्ली पहुँच गईं।”

अधीर रंजन ने कहा कि, ‘देश के कई मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज के निमंत्रण का बॉयकॉट किया है। संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को रात्रिभोज में आमंत्रित नहीं किया गया है। यह कैसा आकर्षण था कि ममता पहले ही दिल्ली पहुंच गईं।” वहीं, TMC के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने अधीर पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता चौधरी को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ प्रोटोकॉल के बारे में व्याख्यान नहीं देना चाहिए। सेन ने कहा कि, “चौधरी यह तय नहीं करेंगे कि प्रोटोकॉल के तहत राज्य के मुख्यमंत्री G20 के अवसर पर रात्रिभोज में शामिल होने के लिए कब जाएंगे।” सेन ने आगे कहा कि हर कोई जानता है कि ममता बनर्जी विपक्ष के I.N.D.I.A. ब्लॉक के वास्तुकारों में से एक हैं और कोई भी उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठा सकता है। 

बता दें कि, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी विपक्षी दलों के राज्य नेताओं में से थे, जिन्होंने इस भव्य कार्यक्रम में भाग लिया। इस बीच, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक (स्वास्थय कारणों से) और दिल्ली के अरविंद केजरीवाल (कारण अज्ञात) विपक्षी दलों के उन नेताओं में शामिल थे, जो इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

G20 डिनर में क्यों नहीं आए गहलोत-बघेल:-

बता दें कि, सीएम गहलोत ने रविवार को सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, उनके विमान को दिल्ली में उतरने की इजाजत ही नहीं दी गई। हालाँकि, गृह मंत्रालय ने उनके दावे को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया और कहा कि, उनके पास जो भी आवेदन आए, सबकों मंजूरी दी गई। वहीं, सीएम बघेल ने कहा कि, दिल्ली को सरकार ने नो फ्लाइंग जोन बना दिया था, तो वे डिनर में कैसे आ सकते थे ? इस पर गृह मंत्रालय ने कहा कि, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और कमर्शियल उड़ानों के लिए अनुमति थी और उनका आवागमन चालु था। यानी, गहलोत और बघेल, G20 डिनर में न आने के लिए सरकार को ही दोष दे रहे थे। 

जबकि अधीर रंजन स्पष्ट कह रहे हैं कि, कई मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज के निमंत्रण का बॉयकॉट किया है, क्योंकि खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया। यानी न आने का फैसला खुद गहलोत-बघेल का था, फिर भी आरोप सरकार पर लगाए गए। अब खड़गे को न बुलाने का कारण ये है कि, इस डिनर में केवल मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था, किसी भी राजनेता को नहीं। यही कारण था कि, अतिथि सूची में खड़गे का नाम नहीं था। क्या जेपी नड्डा, लालू यादव, मायावती, अखिलेश यादव को निमंत्रण दिया गया था ? नहीं। क्योंकि, वे भले ही अपनी-अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लेकिन फ़िलहाल किसी राज्य के मुख्यमंत्री या फिर केंद्र सरकार में मंत्री नहीं हैं। यदि होते, तो उन्हें भी बिलकुल आमंत्रित किया जाता। 

लेकिन, कांग्रेस इसको लेकर भी सरकार पर निशाना साध रही है और आरोप लगा रही है कि, खड़गे दलित समुदाय से आते हैं, इसलिए उन्हें नहीं बुलाया गया है। हालाँकि, देश की सबसे पुरानी पार्टी यह भूल गई थी कि डिनर का आयोजन करने वालीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद आदिवासी समुदाय से आती हैं, एक और आदिवासी नेता सीएम हेमंत सोरेन भी डिनर में शामिल हुए थे। पीएम मोदी ने सोरेन और सीएम नितीश को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मिलवाया था। ऐसे में इसमें जातिवाद होने का कांग्रेस का आरोप भी निराधार ही निकलता है। वैसे, इससे पहले, पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस पर खड़गे को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनकी कुर्सी खाली रह गई थी, क्योंकि वे नहीं आए थे। जब लाल किले में स्वतंत्रता दिवस का समारोह चल रहा था, तब खड़गे कांग्रेस कार्यालय  गए हुए थे और वहां से वीडियो जारी कर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा था।  

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