भ्रष्टाचार की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए परिवर्तन जरूरी है- शिवरत्न शर्मा
कोंडागांव- भाजपा की सरकार बनी तो जितने भी शिकायत अब तक इस कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं उन सब की जांच हम नियमानुसार करवाएंगे उक्त बातें परिवर्तन यात्रा के प्रभारी शिवरतन शर्मा ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि, बस्तर में डीएमएफ के नाम पर 1500 करोड़ से ज्यादा की राशि को कांग्रेस की सरकार ने बंदरबाट किया है। और जिन कार्यों की फाइलें चली है वह केवल खरीदी व सप्लाई के जिसमे 50 प्रतिशत केवल कमीशन ही होता है। कुछ तो केवल ऑर्डर हुए पर सप्लाई ही नहीं हुई ऐसे कई मामले बस्तर संभाग में भारी पड़े हैं। जिसे लेकर हमें अभी सरकार को बदलने के लिए लोगों के बीच में परिवर्तन यात्रा के माध्यम से आना पड़ा है। उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि, आउटसोर्सिंग को सरकार बनते ही बंद कर दिया जाएगा। लेकिन जब हमारे द्वारा विधानसभा में प्रश्न किया गया तो उन्होंने बताया कि, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में ही पोस्टिंग से कर्मचारियों की पदस्थापना की गई है। लेकिन आज तक ऐसे पदों की पर भर्ती स्थानीय स्तर पर नहीं की जा सकी है। उन्होंने कहा लंबे समय तक पीसीसी चीफ रहने वाले मोहन मरकाम व मौजूदा कैबिनेट मंत्री व इनकी सरकार ने केवल जनता को लूटा व धोखा दिया है। इस सरकार के कार्यकाल में विधानसभा परंपराओं का भी खंडन हुआ है शांति के इस छत्तीसगढ़ को इन्होंने गुंडागर्दी का टापू बना रखा है। उन्होंने कहा कि,मक्का प्रोसेसिंग के नाम पर मोहन मरकाम और उनकी सरकार ने लोगों को केवल धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि, धर्मांतरण के नाम पर बस्तर जल रहा है धर्मांतरण को यह सरकार सह देती आ रही है और जो बस्तर की संस्कृति और सभ्यता को बचाना चाहते हैं ऐसे लोगों पर जबरिया नियम कायदा की बात कहते हुए पुलिसिया कार्यवाही की जा रही है। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने का समय अब आ गया है। इस मौके पर पूर्व मंत्री लता उसेंडी, महेश गागड़ा, केदार कश्यप, प्रेम प्रकाश पांडे, दीपेश अरोरा, निरंजन सिन्हा सहित अन्य मौजूद रहे।