ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार का शिकंजा ! कंपनियों को देना होगा 28% GST
नई दिल्ली: ऑनलाइन गेम को लेकर बढ़ते खतरे के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अध्यक्ष संजय अग्रवाल के अनुसार, 1 अक्टूबर से भारत ऑनलाइन गेमिंग पर 28% माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाएगा। यह कर सभी ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों पर लागू होगा, भले ही वे कौशल के खेल हों या मौका के खेल हों। 11 अगस्त को मानसून सत्र के अंतिम सत्र के दौरान लोकसभा में पारित GST कानूनों में हालिया संशोधनों के बाद, सरकार विभिन्न क्षेत्रों को GST ढांचे के तहत लाने और कर संग्रह को सुव्यवस्थित करने के व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में ऑनलाइन गेमिंग पर कर लगाने की योजना बना रही है। बता दें कि, संसद के विशेष सत्र में 2 GST कानून ध्वनि मत और न्यूनतम बहस के साथ पारित किए गए थे।
CBIC के चेयरमैन संजय अग्रवाल ने कहा कि, ”हम सभी राज्यों की सहमति से 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST दर लागू करने के लिए तैयार हैं। ऑनलाइन गेमिंग पर GST दर से संबंधित कानून को राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित करना होगा। कुछ ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है।’ उल्लेखनीय है कि, सरकार का कदम ये संशोधन एकीकृत वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 और केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 से संबंधित हैं, जो ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ के लिए 28% GST लगाएंगे।
इस कदम का उद्देश्य कैसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग में आपूर्ति के कराधान के संबंध में बहुत जरूरी स्पष्टता प्रदान करना है, जैसा कि केंद्र सरकार ने दावा किया है। 11 जुलाई को GST परिषद की 50वीं बैठक के दौरान, कैसीनो, हॉर्स रेसिंग और ऑनलाइन गेमिंग के पूर्ण अंकित मूल्य के लिए 28% GST दर की सिफारिश की गई थी। सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, GST परिषद ने IGST अधिनियम, 2017 में विशिष्ट प्रावधानों की सिफारिश की है। अब से भारतीय खिलाड़ियों को ऑनलाइन मनी गेम्स ऑफर करने वाली विदेशी कंपनियों को GST (वस्तु एवं सेवा कर) देना होगा। यदि वे नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो सरकार उनकी वेबसाइटों तक पहुंच को ब्लॉक कर सकती है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि इनमें से अधिकांश ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां भारत के बाहर स्थित हैं। साथ ही, कुछ प्रसिद्ध एथलीट और अभिनेता इन खेलों का विज्ञापन कर रहे हैं, जो युवाओं के लिए समस्या बन सकता है, ऐसे में सरकार ने इस पर नकेल कसने का फैसला लिया है।