सरकारी संरक्षण में रेत के अवैध कारोबार से मालामाल हो रहे कांग्रेसी : बालसिंह बघेल
यह सरकार ऑफ द माफिया, फॉर द माफिया एवं बाय द माफिया है
कोंडागाँव छत्तीसगढ़ में रेत का अवैध उत्खनन सरकारी संरक्षण में बेरोकटोक जारी है। रेत का संकट बताकर इसके अवैध कारोबार में लगे कांग्रेसी प्रदेशभर में मालामाल हो रहे हैं और जनता लुट रही है। यह दावा करते हुए जिला पंचायत सदस्य बालसिंह बघेल ने कहा कि कोयला घोटाले में प्रदेश के शेडो सीएम सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी सहित और भी कुछ लोग या तो जेल में हैं या बेल पर हैं। राज्य के खनिज से जुड़ा यह घोटाला हजारों करोड़ का था, इसलिए ईडी की नजर इनपर पड़ गई। लेकिन रेत, मुरुम, गिट्टी आदि गौण खनिजों की तस्करी में लिप्त दूसरे शेडो सीएम के खनिज माफिया गुर्गे अभी भी बेखौफ प्रदेशभर में अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। इनके सत्ता की धौंस और बाहुबल का भय के आगे प्रशासनिक अधिकारी भी नतमस्तक हैं।
प्रदेश की भूपेश सरकार पर भ्रष्टाचार और अवैध कारोबारों में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए बालसिंह बघेल ने आगे कहा कि पिछले दिनों रेत माफियाओं द्वारा अरपा नदी में खोदे गए गड्ढे में डूबने से दो बहनों सहित तीन की मौत हो गई थी । राजनांदगांव जिले में नदी से निकाले गए अवैध रेत के साथ एक शव का भी परिवहन हो गया था। राजिम में खनिज विभाग की टीम पर जानलेवा हमला किया गया। सारंगढ़ के टिमरलगा में रायगढ़ के तात्कालीन सहायक कलेक्टर को कुचलने का प्रयास किया गया। लेकिन इस सरकार में दुर्भाग्य यह है कि ऐसे मामलों की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने की जरूरत तक भूपेश बघेल ने महसूस नहीं की। ऐसा इसलिए कि मुख्यमंत्री जानते हैं कि इन करतूतों के पीछे उनके ही लोगों का हाथ है। उन्होंने आगे कहा कि इन रेत माफियाओं ने प्रदेश की नदियों का स्वरूप ही बिगाड़ दिया है। नदियों में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। नदियों की दिशा बदलने लगी है। इसका बुरा असर यह है कि बांध, स्टापडेम में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में सिंचाई और उद्योगों के लिए पानी की समस्या तो खड़ी होगी ही, कुछ साल बाद लोगों को पेयजल के लिए भी तरसना पड़ सकता है।
प्रदेश में प्रतिबंध के बाद भी रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। बलौदाबाजार जिले में हाल ही में ग्रामीणों ने रेत से भरे कई हाइवा को 30 घंटे तक रोके रखा, लेकिन अवैध कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे मामले रोज प्रदेश भर में सामने आ रहे हैं। सरकार और जिला प्रशासन अवैध उत्खनन रोकने कुछ नहीं कर रहे हैं। प्रदेश में जो रेत का ट्रक एक महीने पहले 8000 रुपए का मिलता था वो अब 20 हजार का हो गया और आम आदमी की पहुंच से बाहर चला गया है। इससे निर्माण कार्य रुक गए हैं। अवैध खनन बिना किसी रोक-टोक जारी है। सरकार क्या कर रही है। उन्होंने कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों पर बरसते हुए कहा कि कहा कि अब पूरा छत्तीसगढ़ अवैध उत्खनन का गढ़ बन चुका है। प्रदेश में रेत और पत्थर के अवैध खनन और कारोबार ने माफिया का रूप ले लिया है। ऐसा लगता है कि इन माफियाओं पर प्रशासन और खनिज विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है। जहां अनुमति नहीं है वहां अवैध उत्खनन बेरोकटोक जारी है, वहां संगठित गिरोह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने लगे हैं। खनन नियमों का पालन कराने और अवैध खनन रोकने में शासन-प्रशासन प्रभावी कार्यवाही नहीं कर पा रहा है जिससे माफिया के हौसले बुलंद हैं। कुल मिलाकर छत्तीसगढिय़ा अस्मिता को बचाने का ढोंग रचने वाले के नियंत्रण में चल रही भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक संसाधनों की लूट में लगी हुई है और यह छत्तीसगढ़ के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यहां की सरकार अवैध खनन रोकने में नाकाम है। यहां खनन रोकने वालों की सांस रोक दी जाती है। यह सरकार ऑफ द माफिया, फॉर द माफिया एवं बाय द माफिया है।