नवरात्रि के दूसरे होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा… जाने विधि
नवरात्री के दुसरे दिन मां ब्रम्ह्चारिणी की पूजा होती है सनातन शास्त्रों में निहित है कि नवरात्रि के दूसरे दिन साधक का मन ‘में स्थिर रहता है। मां की महिमा निराली है। उनके मुखमंडल पर कांतिमय आभा झलकती है। इससे समस्त जगत आलोकित होता है। मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में कमंडल है। मां की पूजा-उपासना करने से विद्या की प्राप्ति होती है। अतः मां ब्रह्मचारिणी को विद्या की देवी भी कहा जाता है।
नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह जल्दी उठें। इस समय जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। इसके पश्चात, घर की साफ-सफाई करें। दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करें। इस समय आचमन कर शुद्ध करें।
इसके पश्चात, नवीन वस्त्र धारण कर व्रत संकल्प लें। अब मां ब्रह्मचारिणी की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, चन्दन, कुमकुम आदि चीजों से करें। मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री प्रिय है। अतः भोग में उन्हें लाल रंग के फल, चीनी और मिश्री अर्पित करें। पूजा के अंत में आरती-अर्चना कर सुख, समृद्धि और आय वृद्धि की कामना करें। दिनभर उपवास रखें। संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें।