निठारी कांड: मनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैसे कर दिया बरी? वकील ने बताई अदालत के अंदर की बात
प्रयागराज. पूरे देश को हिला देने वाले नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 16 अक्टूबर बड़ा फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने सजायाफ्ता मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली की अपीलें मंजूर कर ली. कोर्ट ने आरोपियों को सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया. हाई कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सारे मामलों में बरी कर दिया. पंढेर की ओर से वकील मनीषा भंडारी ने दलीलें रखीं. उन्होंने इस मामले में चौंकाने वाली बातें कही हैं. उन्होंने News18 से बातचीत में बताया कि हाई कोर्ट में पंढेर के खिलाफ दो मुकदमे थे. उन्हें शिकायतकर्ता की शिकायत की वजह से मुकदमा लड़ना पड़ा. इन मामलों में उन्हें फांसी की सजा मिली थी. इसी मसले को हाई कोर्ट ने बदला और पंढेर को बाइज्जत बरी किया है.
2006 में निठारी कांड से हिल गया था देश
गौरतलब है कि साल 2006 में निठारी कांड का खुलासा हुआ था. इस मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को फांसी की सजा सुनाई थी. गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी. सुरेंद्र कोली की मौजूदा 12 में से पहली याचिका साल 2010 में दाखिल की गई थी. हालांकि इन याचिकाओं के अलावा भी हाईकोर्ट कोली की कुछ अर्जियों को निस्तारित कर चुका है. कोर्ट ने एक मामले में फांसी की सजा को बरकरार रखा था, जबकि एक अन्य मामले में देरी के आधार पर उसे उम्र कैद में तब्दील किया था