विधान सभा चुनाव कोंडागांव 83 में समीकरण बदलने के आसार,,
,,बुधसिंह नेताम ने भरा पर्चा
सभी पार्टियों से नाराज होकर स्थानीय समाज (एस.टी./एस.सी./ओबीसी एवं अल्पसंख्यक तथा सामान्य)स्थानीय बडे़ मुद्दों को लेकर हो रहे हैं लाम बंद ।निर्दलीय प्रत्याशी उतारने का लिया निर्णय।
कोंडागांव छ.ग.विधानसभा 2023 के चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, चुनावी सरगर्मी बहुत तेज होती जा रही है, कारण यह कि गोंडवाना समाज के साथ साथ यहाँ के स्थानीय लोग, सभी पार्टियों के कार्यशैली से काफी नाराज है। खासकर बेरोजगार युवा वर्ग दर दर भटक रहा है। कोंडागांव जिले के कई स्थानीय बडे़ मुद्दे हैं जैसे कि- 100% स्थानीय भर्ती को खत्म करना, इससे यहाँ के स्थानीय (St, Sc, Obc, Minority & General) लोगों का सीधा नुकसान हुआ है। बडे़ मुद्दे जो यहां के समस्त स्थानीय लोगों से सीधा सरोकार रखता है ।चाहे वह स्थानीय भर्ती का मामला हो,शिक्षा ,स्वास्थ्य की बदहाली हो।आरक्षण का सबसे बडा खामियाजा यहां के 78% आदिवासियों के साथ साथ अन्य समाज को भुगतना पड़ रहा है ।हत्या व स्थानीय समाज के जमीनों को बाहरी लोगों को बेचा जा रहा है, मक्का प्लांट में स्थानीय भर्ती,तथा चाहे वह नगरनार भर्ती आदि ।यहाँ के स्थानीय लोगों के साथ दिनों दिन शोषण, हत्या, मारपीट,लूटमार किया जा रहा है। पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून को जानबूझकर कमजोर किया गया है और पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र को ही बर्बाद कर दिया गया। स्थानीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव व प्रताड़ना का मामला भी पूरे बस्तर संभाग में किसी से छुपी नहीं है ।
लोगों का वोट लेकर सदन में पहुंच जाते हैं लेकिन सदन में एक शब्द भी बोलने की हिम्मत नहीं करते हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि यहाँ के स्थानीय लोगों का सब कुछ लूटा जा रहा है। ऐसे अनेक मुद्दे हैं लेकिन उन मुद्दों को कोई भी राजनीतिक पार्टियां सपोर्ट नहीं करते और न सदन में बात रखते बल्कि गोलमोल जवाब रहते हैं। अपना हक अधिकार के लिए समाज के द्वारा कई रैली, धरना, ज्ञापन सौंपा गया है, समाज का एक भी बात सुना नहीं जाता है इससे गोंडवाना समाज एवं यहाँ के स्थानीय लोग काफी नाराज हैं, इसलिए समाज ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि सदन में दमदारी से यहाँ की समस्याओं को रखने वाला प्रतिनिधि चाहिए। किसी पार्टी का गुलामी करने वाला प्रत्याशी नहीं चाहिए। आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी यहां का स्थानीय समाज को सभी राजनीतिक पार्टियां छलने का काम किया है ।समाज आखिर जाये तो कहाँ जाये? उनके पास स्वयं का निर्दलीय प्रत्याशी खड़े करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। समाज का वोट लेकर समाज को ही प्रताड़ित करते हैं। कोंडागांव जिले में गोंडवाना समाज की जनसंख्या लगभग 78% से ऊपर है और सबसे ज्यादा यही समाज प्रताड़ित हो रहा है। यह जिले के स्थानीय समाज के लिए कुठाराघात है। इसलिए स्थानीय मुद्दों एवं समस्याओं को विधानसभा में दमदारी से रखने के बात पर एक राय होकर सभी राजनीतिक पार्टियों से स्थानीय समाज ने मोह त्याग करने का लिया निर्णय । भारतीय सेना से सेवानिवृत तथा निर्भिक,जुझारू,संवैधानिक जानकार एवं रूढी व प्रथा को बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध लगातार दो बार से गोंडवाना समाज समन्वय समिति जिला कोंडागांव के वर्तमान अध्यक्ष बुधसिंह नेताम को सर्व सम्मति से भरवाया गया निर्दलीय प्रत्याशी का पर्चा ।जिस दौरान सैकडों युवा हुए शामिल ।स्थानीय मुद्दों को हमेशा सार्वजनिक मंचों पर संवैंधानिक रूप से बात रखने वाले बुधसिंह नेताम का पकड़ व पहुंच विधानसभा के प्रत्येक गांवों तक ,स्थानीय लोगों में उत्साह ,अन्य सभी राजनीतिक संगठनों में बुधसिंह को लेकर हो रही है हलचल।जय जोहार… सेवा जोहार…।