May 19, 2024

बढ़ सकता है आटा-दाल का भाव, देश को लगेगा महंगाई का घाव?

जहां एक ओर इंटरनेशनल मार्केट में चावल की कीमतें 15 साल के हाई पर पहुंच गई हैं. वहीं दूसरी ओ लोकल लेवल पर आम लोगों को आटा और दाल पर महंगाई की मार पड़ सकती है. इसका प्रमुख कारण गेहूं और दालों का प्रोडक्शन कम होना है. जी हां, गेहूं और दालों की बुवाई एक बार फिर पिछड़ गई है। सूत्रों के मुताबिक अब तक गेहूं की बुवाई में 5 फीसदी से ज्यादा कमी देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर दालों की बुवाई में 8 फीसदी तक की कमी देखने को मिली है. वैसे सरकार को उम्मीद है कि बारिश होने के बाद इस कमी को पूरा किया जा सकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ जततो देश में आटा और दाल की कीमतों में इजाफा होगा. जिससे देश में महंगाई के घाव और ज्यादा गहरे होते चले जाएंगे.

कम हुई गेहूं की बुवाई

सूत्रों के अनुसार देश में गेहूं और दाल की बुवाई में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. वास्तव में बारिश में कमी की वजह से बुवाई पर असर पड़ा है. जानकारी के अनुसार देश में गेहूं की बुवाई में 5 फीसदी की कमी आई है. इस साल अब तक गेहूं की बुवाई 141 लाख हेक्टेयर में हुई है. जबकि पिछले साज पिछले साल समान अवधि में गेहूं की बुवाई 149 लाख हेक्टेयर हो चुकी थी.

दालों की बुवाई कितनी कम

वहीं दूसरी ओर दालों पर भी महंगाई का संकट मंडरा रहा है. आंकड़ों के अनुसार इस साल दालों की बुवाई में 8 फीसदी की कमी देखने को मिल रही है. अब देश में 940 लाख हेक्टेयर में दालों की बुवाई हो चुकी है. जबकि पिछले साल समान अवधि में ये बुवाई 103 लाख हेक्टेयर में हुई थी. इसका मतलब है कि इस साल दालों के प्रोडक्शन में काफी गिरावट देखने को मिल सकती है. जिससे पहले देश में महंगाई बढ़ने की संभावना है.

सरकार को बारिश से उम्मीदें

अभी तक दोनों फसलों के लिए पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. सरकार को उम्मीद है कि बारिश होते ही कमी की पूर्ति हो जाएगी. लेकिन जानकारों की मानें तो इसकी उम्मीदें कम ही है. अगर बुवाई नहीं बढ़ी तो दाल और गेहूं या यूं कहें तो देश में आटा और दाल का भाव बढ़ सकता है. जिससे देश में महंगाई दर में इजाफा देखने को मिल सकता है. हाल के महीनों में देश के लोगों को पहले टमाटर और उसके बाद प्याज की महंगाई से जूझना पड़ा था. अगर समय पर बारिश नहीं हुई और दोनों फसलों की बुवाई नहीं बढ़ी तो आम लोगों की किचन का बजट बढ़ जाएगा.