बाबा साहेब सेवा संस्था ने मनाया फातिमा शेख की 193 जयंती*
कोंडागांव गोंडवाना भवन में फातिमा शेख की छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर माल्य् अर्पन् कर 193 व जयंती मनाया। जो समाज के लिए नेक कार्य को याद् कर फातिमा शेख की जन्म जयंती मनाया व पी पी गोंडाने के द्वारा निशुल्क जय भीम वाला कैलेंडर सभी को भेंट किया संस्था के पदाधिकारीयों ने व शाहिद सिद्दीकी ने फातिमा शेख की जानकारी दी।फ़ातिमा शेख का जन्म 9 जनवरी 1831 और मृत्यु अक्टूबर 1900 के आसपास हुई. फातिमा शेख के भाई उस्मान शेख ज्योतिबा फुले के मित्र थे. ज्योतिबा फुले के पिता गोविंदराव ने जब समाज के दबाव में आकर अपने बेटे (बहू द्वारा) को अछूत लड़कियों को पढ़ाने का काम बंद करने को कहा तो ज्योतिबा ने कहा, वह यह काम बंद नहीं करेंगे. तब गोविंदराव ने गुस्से में आकर उन्हें घर से निकल जाने को कह दिया.।ज्योतिबा उसी स्थिति में सावित्री बाई के साथ घर से बाहर निकल गए. उस समय उस्मान शेख ने न केवल फुले दम्पति को अपने घर में रहने की जगह दी बल्कि उन्हें स्कूल खोलने के लिए अपना घर भी दे दिया. उसी दौरान उस्मान शेख के घर में रात्रिकालीन प्रौढ़ शिक्षण कार्य भी शुरू हुआ. इस स्कूल में स्त्री और पुरुष साथ-साथ पढ़ते थे. फ़ातिमा शेख ने सावित्रीबाई फुले के साथ अहमदनगर के एक मिशनरी स्कूल में टीचर्स ट्रेनिंग भी ली थी. फ़ातिमा शेख और सावित्री बाई ने लोगों के बीच जाकर उन्हें अपनी लड़कियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया. इस कार्य में कुछ लोगों ने उनकी सहायता भी की. दूसरी ओर ज़्यादातर लोगों ने उनका विरोध किया. फ़ातिमा शेख का फुले दम्पति के द्वारा किए जा रहे ज़्यादातर कामों में सहयोग रहा.1856 में सावित्रीबाई जब बीमार पड़ गई तो वह कुछ दिन के लिए अपने पिता के घर चली गईं. वहां से वह ज्योतिबा फुले को पत्र लिखा करती थीं. उन पत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फ़ातिमा शेख ने उस समय स्कूल के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी भी उठाई और स्कूल की प्रधानाचार्या भी बनीं. इस कार्यक्रम में संस्था के मुख्य सलाहकार पी पी गोंडाने, अध्यक्ष मुकेश मारकंडेय, रमेश पोयाम, देवानंद चौरे, सिद्धार्थ महाजन ,मो शाहिद सिद्दीकी (शकील), संदीप वासनिकर, शिवचरण मांडवी, B R नेताम, बालू नेताम, व बच्चे उपस्थित रहे।