May 18, 2024

आज से शुरू होने जा रहा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूजा…..

अयोध्या : सबसे पहले प्रायश्चित पूजा के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की जायेगी. आपको बता दें कि पूजन कार्यक्रम सुबह 9:30 बजे से शुरू होगा, जो करीब 5 घंटे तक चलेगा. इसमें यजमान तप आराधना प्रारंभ करेंगे. प्रायश्चित पूजा पूजा की वह विधि है

जिसमें शारीरिक, आंतरिक, मानसिक और बाह्य तीनों प्रकार से प्रायश्चित किया जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार बाह्य प्रायश्चित के लिए स्नान की 10 विधियां हैं. इसमें लोग पंच द्रव्य के अलावा भस्म समेत कई औषधीय सामग्रियों से स्नान करते हैं.

इसके साथ ही गोदान का एक और अनुष्ठान और संकल्प भी है. इस पूजा के दौरान यजमान गोदान के माध्यम से प्रायश्चित करता है. कुछ द्रव्य दान से भी प्रायश्चित किया जाता है, जिसमें सोना दान करना भी शामिल है. इस संबंध में पंडित बताते हैं कि यदि हम कोई पवित्र कार्य या यज्ञ करते हैं तो यजमान को उसका प्रायश्चित करना पड़ता है. आमतौर पर पंडित को ऐसा नहीं करना पड़ता लेकिन यजमान को इस प्रकार की तपस्या करनी पड़ती है.

इसके पीछे मूल विचार यह है कि अनजाने में जो भी पाप हो गया हो उसका प्रायश्चित करना.जैसा कि हम खुद जानते हैं कि कई बार हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनका हमें पता भी नहीं चलता तो ऐसे ही पापों से बचने के लिए यह तरीका अपनाया जाता है।

इस पूजा के बाद कर्म कुटी पूजा का आयोजन किया जाता है यानी इस पूजा में यज्ञशाला की पूजा की जाती है. यज्ञशाला की पूजन शुरू होने से पहले लोग हवन कुंड या बेदी की पूजा करते हैं. इस दौरान भगवान विष्णु की एक छोटी सी पूजा की जाती है. उसके बाद ही हम उस विधि को पूजा के लिए अंदर ले जाते हैं. हर क्षेत्र में प्रवेश पाने के लिए पूजा-अर्चना की जाती है. उस पूजा का अधिकार मिलने के बाद हम अंदर जाते हैं और पूजा करते हैं.

आपको बता दें कि प्रायश्चित्त की पूजा करने में कम से कम 2 घंटे का समय लगता है और विष्णु पूजा के लिए भी उतना ही समय लगता है. यानी मंगलवार की पूजा सुबह 9:30 बजे शुरू होगी और करीब 5 घंटे तक चलेगी. इस पूजा में 121 ब्राह्मण बैठेंगे.