May 2, 2024

बीएमएस के दोनो नेता दिल्ली की बैठक में हुए शामिल मजदूरों के हितों व मांगों पर हुई सार्थक चर्चा

भिलाई इस्पात मज़दूर संघ भिलाई से रविशंकर सिंह कार्यकारी अध्यक्ष,चन्ना केशवलू महामन्त्री एवं दोनों N J C S सदस्य 20 जनवरी 2024 की  NJCS  बैठक जो दिल्ली में संपन्न हुई उसमें शामिल हुए ।बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई। केन्द्रीय पांच यूनियनें तथा संयंत्रों में मान्यता प्राप्त यूनियन के प्रतिनिधि, सदस्य के  रूप में तथा अधिकतर वैकल्पिक सदस्य भी शामिल उपस्थित रहे।  बैठक में 39 महीने के एरियर के मुद्दे पर प्रबन्धन ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि  MOU के आधार पर वेतनमान और एरियर दिया जा चुका है। वेज रिवीजन 01 जनवरी 2017 से लागू होगा लेकिन 1 अप्रैल 2020 से  वास्तविक वेतनमान का भुगतान होगा।

MOU, 21 अक्टूबर 2021 को हस्ताक्षर हुआ जिसमें  जिसमें इंटक, एटक एचएमएस नें हस्ताक्षर क़िया जिसमें किसी भी ढंग का एरियर देने का बात इसमें लिखा हुआ नहीं  है यह कर प्रबंधन नें एरियर देने से मना कर दिया। परन्तु यह बात अवश्य कहा कि आप सभी आपस में सहमति बनाकर प्रस्ताव रखिये प्रबंधन उस पर विचार करेगी तथा साथ ही साथ यह भी कहा कि जितने भी मुद्दे हैं सभी लंबित मुद्दे पर वार्ता  जारी रहेगी,  साथ हो बोनस पर भी अपना सुझाव दें कि फार्मूले में क्या संशोधन करना है विचार किया जा सकता है। क्योंकि बोनस का भुगतान तो फार्मूले के आधार पर ही होगी।

 

इसके बाद बैठक बे नतीजा समाप्त हो गई कारण कि आपसी सहमति केवल हड़ताल पर जाने के लिए बनाया जा रहा था। भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि आम सहमति के आधार पर पहले MOU में  वेतनमान 1-1-2017 से वास्तविक भुगतान तथा 28% पर्क्स पर फिर  सब कमिटी में चर्चा कर MOA हस्ताक्षर हो।

इसके बाद चारों यूनियनों ने  आगे कि रणनीति हेतु आपस में बैठक क़िया और चारों यूनियन नें BMS से आग्रह क़िया कि आप भी हमारे साथ स्ट्राइक में शामिल हो, जिस पर भारतीय मजदूर संघ ने स्पष्ट कह दिया कि आपने स्ट्राइक की घोषणा करते समय BMS से सहमति नहीं लिया और न ही  बीएमएस यूनियन के सहमति से हड़ताल का नोटिस दिया है। जबकि बीएमएस के पर्क्स में 1.5% की बढ़ोतरी का मुद्दा भी हड़ताल के ज्ञापन में शामिल नहीं किया गया है. फ़िर भी पाण्डेय जी नें कहा कि सेल के कर्मचारीयों के हित में यदि स्ट्राइक करना है तो भारतीय मज़दूर संघ केन्द्रीय नेतृत्व को साथ में लेकर एजेन्डा और हड़ताल की तिथि तय किया जाय तभी भामसं का नैतिक समर्थन मज़दूरों के पक्ष में होगा। किसी का थोपा हुआ एजेण्डे और तय तिथि पर भारतीय मजदूर संघ का शामिल होना या समर्थन नहीं रहने वाला है । ठीका मजदूरों के लिए भी प्रबन्धन एडब्लूए देने को तैयार है। आप सभी तय तो करें कि उचित कितना बढ़ा दिया जाना चाहिए। प्रबन्धन 28 या 29 को अगली बैठक करने को भी तैयार है पर किसी ने स्वीकृति नहीं दी क्योंकि हड़ताल जो करनी है। यह हड़ताल शायद कर्मचारी हित से परे राजनीतिक है। इसीलिए भारतीय मजदूर संघ को प्रतिशोधात्मक मानकर सच्चे मन से हड़ताल में शामिल नहीं किया गया। प्रबन्धन वार्ता करने को तैयार है फिर हड़ताल क्यों? बैठक द्विपक्षीय होता है जबरन सरकार को घसीटने का प्रयास किया जा रहा है। भारतीय मजदूर संघ को तटस्थ रखकर MOU का एप्रुवल यदि सरकार दे सकती है तो बाकी मुद्दे पर बांधा क्यों होगी, पहले मुद्दे तय कर निर्णयात्मक समझौता करने से मंत्रालय का एप्रुवल भी मिल सकता है। पहले तो करें।