November 24, 2024

ये कैसी सड़क,डामरीकरण हुआ नही की उखड़ने लगी सड़क।।

बनने के कुछ माह के बाद डामर से बनी सड़क मिट्टी मे तब्दील हो गई।।

डामर का रंग फीका भी नही हुआ और दम तोड़ने लगी सड़क।।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चढ़ी भ्रस्टाचार की भेंट।

बीजापुर-प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना में भारी अनियमिता बरती जा रही है,लेकिन यहां कार्रवाई तो दूर कोई देखने-पूछने वाला तक नहीं है।एजेंसियां मनमाने ढंग से काम कराती हैं और किसी तरह अपना भुगतान लेकर अपनी जिम्मेवारी से पिंड छुड़ा रही हैं।वहीं आम जनता का पैसा का यूं ही बंदरबांट हो जाता है।इसकी एक बानगी के रूप जिले के बीजापुर विकाशखण्ड स्थित पापनपाल से पटेलपारा 1.7 किलोमीटर तक बनी सड़क में देखा जा सकता है।जहां कुछ माह पूर्व डामर से बनी सड़क टूटने लगी है।सड़क पर सैकड़ो गड्ढे हो चुके है।

सड़क के किनारे ठेकेदार द्वारा लगाया गया बोर्ड पर अंकित सूचना के मुताबिक यह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को बनाने के लिए स्वीकृत प्राक्कलन तो अंकित है,परंतु प्राक्कलन राशि नहीं अंकित हैं। जिसकी कुल लंबाई 1.7 किमी बताई गई है।कार्य एजेंसी का नाम अंकित नही है।कार्य आरंभ की तिथि एवं कार्य समापन की तिथि के संबंध कुछ नही लिखा है एवं क्रियान्वय प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग अंकित है।

हमारे सूत्र बता रहे है पापनपाल से पटेलपारा तक बनी सड़क 01/07/2022 को पूर्ण हो चुका है।पापनपाल से पटेल पार तक 1700 मीटर सड़क बनना था लेकिन विभाग ने भ्रस्टाचार को अंजाम देते हुए ठेकेदार से सड़क को 1200 मीटर में ही खत्म कर दिया।

वंही सड़क निर्माण को पूरा हुए ठीक से एक साल से ज्यादा हुआ भी नही कि सड़क में पिच उखड़ने लगा है।सड़क पर गड्ढ़े बनने लगे हैं।डामर वाली सड़क मिट्टी में तब्दील हो गई है।जिसके कारण लोगों ने भी सवाल उठाना खड़ा कर दिया है कि पीएम के नाम से बनी योजनाओं में भी ठेकेदार या एजेंसियां ईमानदारी से कार्य नहीं करती।सड़क निर्माण में गुणवत्ता का अभाव दिखता है।जिस के कारण सड़के बनने के चंद माह बाद ही टूटने लगती है।

विदित हो कि जिले में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना के तहत कार्य प्रणाली पर शुरू से ही सवाल उठता रहा है।कुछ वर्ष पूर्व तक अनेकों योजनाएं लंबित थी। बाद में प्रशासन के दवाब व एजेंसियों पर हुई कार्रवाई के बाद इस योजना के तहत सड़क निर्माण में तेजी आई।हालांकि अभी कई जगहों से शिकायत मिल रही है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता में मापदंड का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

सड़क के संबंध में कार्यपालन अभियंता सुरेश नागेश से जानकारी लेने हेतु उनसे मिलने कार्यालय गए तब साहब कार्यालय में मौजूद रहते हुए भी मीडिया कर्मियों से मिलना मुनासिफ नही समझा,पर्ची देने के बाद भी साहब ने मीडियाकर्मियों से नही मिले।इस से ऐसा प्रतीत होता है सड़कों में हुए भ्रस्टाचार को छुपाने मीडिया से दूरी बनाया जा रहा है।अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर इन गड़बड़ियों पर रोक कौन लगाएगा और जिम्मेवार पर कैसे कार्रवाई होगी।