November 23, 2024

गनियारी महोत्सव में प्रदेश भर के 700 कलाकारों ने दिए रंगारंग प्रस्तुति*

*(छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति को जीवित रखना हम सबका दायित्व है- राजेंद्र साहू)*
*भिलाई :-* गनियारी लोक कला महोत्सव के समापन समारोह के मुख्य अतिथि राजेन्द्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति को जीवित रखना हम सब की जिम्मेदारी है । यहां की पंथी, पंडवानी, करमा, ददरिया, राउत नाचा की धूम न केवल देश में है विदेशों में भी हमारी संस्कृति की गूंज सुनाई देती है। गुरु घासीदास कला एवं साहित्य विकास समिति के द्वारा 15 वर्षों से लोक कला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसके लिए मैं समिति के अध्यक्ष निर्मल कोसरे एवं सदस्यों को बधाई देता हूं।
अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री डॉ आर. एस. बारले ने कहा कि गनियारी महोत्सव की शुरुआत 2009 में छोटे स्तर पर हुआ था। लेकिन आज इसकी पहचान राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुकी है। गनियारी की माटी धन्य है जो पद्मभूषण डॉ तीजन बाई की कर्मभूमि है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं नगर निगम भिलाई चरोदा के महापौर श्री निर्मल कोसरे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लुप्त होती विधाओं को जीवित रखने के उद्देश्य से महोत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है इस वर्ष भी संस्कृति विभाग के सहयोग से प्रदेश भर के 700 कलाकारों को आमंत्रित किया गया था जिन्होंने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया।
इस महोत्सव पंडित पोशु मारकंडे एवं साथी सतनाम चौका, जय सरस्वती संगम रामधुनी मंडली भार्रीगांव, संदेसिया सतनाम पंथी पार्टी बैजीकला जिला कबीरधाम,  कृष्ण फाग मंडली गातापार जिला धमतरी, कहीं देबे सुवा ला संदेश सहसा पलारी जिला बलौदाबाजार , राम दरिया  दिनेश वर्मा एवं खिलेश यादव जिला दुर्ग,  तारा कुलकर्णी सतनाम भजन, लोक छाया  छाया चन्द्राकार, कुमारी रेनू साहू पंडवानी, चंचल ज्योति मानस परिवार छुही,जय बूढ़ादेव आदिवासी करमा नृत्य कोदवा गंडई, कुमारी कल्याणी बारले एवं साथी भरथरी भिलाई, रंग झमाझम बालिका पंथी पार्टी सुखरी, श्री कृष्ण राऊत नाच मंडली सेमरा, महतारी के मया छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी चिखली, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के लोक कलाकारों की विविध प्रस्तुतियां एवं सुनील सोनी नाइट की रंगारंग प्रस्तुति ने हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पद्मश्री डॉ आर.एस. बारले,डॉ सी.बी.एस बंजारे, प्रोफेसर डॉ लीलाधर वर्मा,  अप्पल नायडू,  एस. आर. बांधे,  सुरेश सिंघानी,  सुजीत बघेल,  सुनील मौर्य,  यशोदा ठाकुर,  लेखराज जोशी,  धर्मेन्द्र सोनवानी, सौरभ मिश्रा,  भोला साहू,  जगमोहन मंडावी का सम्मान किया गया।