घने जंगल पहाड़ और सर्पीली घाटियों में यूथ हॉस्टल्स का प्लैटिनम जुबली बाईक एडवेंचर ट्रैकिंग सम्पन्न #
भिलाई । यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया दुर्ग भिलाई इकाई द्वारा संस्था की पचहत्तरवीं वर्षगाँठ के अवसर पर प्लैटिनम जुबली बाईक एडवेंचर ट्रैकिंग का आयोजन किया गया । साहसिक , रोमांचक और जोखिम भरे लगभग 380 किमी निर्धारित ट्रैक में कुल 52 स्त्री पुरुष सदस्यों ने अपने युवतर उत्साह का परिचय दिया । यह ट्रैक घने जंगल पहाड़ खतरनाक घाटी और अनगढ़ कच्चे रास्ते में जंगली नदी नाले को पार कर पूरा किया गया ।
आयोजन के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए संस्था के प्रेसिडेंट ऋषिकान्त तिवारी ने बताया कि दादा दादी नाना नानी पार्क दुर्ग में प्रातः सात बजे राष्ट्रगान के बाद मुस्कान फाउण्डेशन द्वारा प्रतिभागियों को सफल सुरक्षित यात्रा के लिए शुभकामनाएँ व्यक्त कर हरी झण्डी दिखाया गया । बाईक राइडर्स दुर्ग से धमधा , देवकर , साजा , सिल्हाटी , सहसपुर लोहारा , सरोदा बाँध , भोरमदेव , भोरमदेव अभ्यारण्य , बंजारी माता मन्दिर , रानीदाहरा जलप्रपात , चिल्फीघाटी , पीड़ाघाट , झलमला , मांँदाघाट , रेंगाखार , सिल्हाटी , गण्डई , धमधा होते हुए दुर्ग वापस आये ।
दुर्ग भिलाई इकाई के चेयरमेन के. सुब्रमण्यम ने जानकारी दी कि सिल्हाटी से लेकर पुनः सिल्हाटी वापस आते तक घने जंगलों और घाटियों के बीच से 200 किमी का मार्ग बेहद रोमांचकारी और जोखिम भरा लेकिन प्रकृति प्रेमियों के लिए अत्यन्त खूबसूरत रहा । सदस्य सरोदा बाँध , रानीदाहरा और पीड़ाघाट की प्राकृतिक सुन्दरता देखकर बहुत प्रसन्न हुए । यह खूबसूरत , मनमोहक , रोमांचक , यादगार एवं असम्भव ट्रैक ईकाई के उत्साही युवा मिनेश मिश्रा के मार्गदर्शन में टीम वर्क से पूरा किया गया । प्रतिभागियों ने दो किमी ट्रैक कर रानीदाहरा जलप्रपात पहुँच अप्रतिम प्राकृतिक सौन्दर्य का भरपूर आनन्द उठाया । पीड़ाघाट में विश्वस्तरीय ग्लास टॉवर से प्रकृति के खूबसूरत और विहंगम दृश्य को निहारने का सुख लिये ।
कर्नल ( सेवानिवृत्त ) हरिशरणजीत कौर , बलबीर कौर एवं मिनीराज ने संयुक्त रूप से बताया कि भोरमदेव अभ्यारण्य , चिल्फीघाटी और रात के अंधेरे में पीड़ाघाट से झलमला रेंगाखार और रेंगाखार से एकदम सुनसान एवं भयावह 20 किमी की खतरनाक घाटी में बाईक ट्रैकिंग के अनुभव को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते । सचमुच यह एडवेंचर बाईक ट्रैकिंग हमारे लिए कल्पना और वर्णन से बाहर की अनुभूति है । यह आयोजन पूर्णतः पारिवारिक सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में पारस्परिक सहयोग एवं सामूहिक सम्बल से सम्पन्न हुआ ।
प्लैटिनम जुबली बाईक एडवेंचर ट्रैकिंग में सत्तर वर्षीय हरदेव सिंह गिल का उत्साह और साहस सभी के लिए प्रेरक एवं सराहनीय रहा । इस अवस्था में भी वे अनथक अपनी एक्टिवा से ट्रैक अकेले पूरा किये । कुल 15 महिलाओं की सहभागिता सहित इस आयोजन में रायपुर , राजनांदगांँव एवं कवर्धा से भी सदस्यों ने हिस्सा लिया । बीहड़ घने जंगल , फिसलन भरी सीधी ढलान वाली हेयर पिन घाटी , सुनसान भयावह मार्ग और बिना किसी मार्ग संकेतक के रात के अंधेरे में बाईक राईडिंग किसी हॉरर फिल्म की शूटिंग से कम नहीं थी । सुबह सात बजे से आरम्भ यह सफर रात के बारह बजे समाप्त हुई । सदस्यों ने समवेत स्वर में कहा , कि हमारा छत्तीसगढ़ जैव-विविधता , प्राकृतिक सौन्दर्य और रोमांचक गतिविधियों के लिए किसी भी स्तर पर कमतर नहीं है ।
इस आयोजन में इकाई सचिव सुबोध देवाँगन सहित मोहनलाल साहू , श्यामकान्त मराठे , गिरिवर सिंह , बजरंग अग्रवाल , कोटेश्वर राव , किशोर छबलानी , करणसिंह पानेसर , लिगेन्द्र वर्मा , अंशुल देवाँगन , संजीव सिंह , अरुणाभ बिसेन , वसन्त कुमार , कमल साहू , ममता साहू , संजय साहू , सुलेखा साहू , तोरण साहू , तुलसी साहू , संजीव सिंह , कृष्ण कुमार सिंह , सुखजीत , जितेन्द्र हजारे , तीरथराम साहू , प्रदीप साहू , संध्या श्रीवास्तव , लोचन ठाकुर , सुशील शर्मा , नेहा , सुनीति पैकरा , ललित चोपड़ा , उषारानी यादव , मोनिका आर्य , मनीषा बंजारे , नीतीश साहू , चक्षु शेगेकर , चेतन साहू , सीमा बाग , संदीप कामड़े , सुनील बुट्टे , रश्मि ठाकुर , नवीन कुमार सिंह , पिंटू साव , एन. जगन्नाथ राव , भूदेव दास की सराहनीय भूमिका रही । बाईक ट्रैकर्स को अरुण मिश्रा , राजेश वर्मा , योगेश पाण्डे , रविशंकर सिंह , अनिल जायसवाल , प्रशान्त जोशी और उनके सहयोगियों ने मंगलकामनाएँ देकर रवाना किये ।