May 9, 2024

संक्रमण से ठीक हो चुके अधिकतर लोगों के IQ में गिरावट

कोविड-19 के वैश्विक मामले भले ही अब काफी नियंत्रित देखे जा रहे हैं, पर संक्रमण का शिकार रहे लोगों में लॉन्ग कोविड का जोखिम अब भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। कोरोना को लेकर हुए कई शोध में बताया जाता रहा है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस ने शरीर को दीर्घकालिक रूप से कई प्रकार से क्षति पहुंचाई है। विशेषतौर पर हृदय, फेफड़ों की सेहत पर इसके गंभीर दुष्प्रभाव देखे जाते रहे हैं।

हालिया अध्ययन में कोरोना के कारण मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं को लेकर भी अलर्ट किया जा रहा है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया, कोरोना संक्रमण का शिकार रहे कई लोगों को बीमारी से ठीक होने के बाद  संज्ञानात्मक क्षमता में कमी महसूस हो रही है।

हाल ही में प्रकाशित एक शोध में विशेषज्ञों की टीम ने बताया, जो लोग कोविड-19 से ठीक हो गए, उनमें एक साल बाद तक आईक्यू लेवल में कम से कम 3-पॉइंट तक की कमी देखी गई है। वैसे तो ये गिरावट ज्यादा  नहीं है पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि बड़ी आबादी में मस्तिष्क से संबंधित जोखिमों को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है। मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में आई कमी का क्वालिटी ऑफ लाइफ पर भी नकारात्मक असर हो सकता है।

जिन लोगों में अधिक गंभीर लक्षण थे या फिर जिन्हें अस्पताल की इंटेंसिव केयर में इलाज की आवश्यकता थी, उनमें आईक्यू में 9-पॉइंट तक की कमी रिपोर्ट की गई है। संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में स्मृति, तर्क और परिस्थितियों से सहजता से निपटने की क्षमता कम हो गई है।