November 25, 2024

तरेगांव वन परिक्षेत्र के जंगलो में किये जा रहे है अग्नि सुरक्षा के उपाय

 


कवर्धा , कबीरधाम वनमंडल के तरेगांव परिक्षेत्र में वनों को आग से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं। वन अमला वनों में लगे आग को बुझाने में कामयाब हो रहें है । फायर दुर्घटना से इस साल अभी तक कोई बड़ी हानि नहीं हुई है। बाहरी लोगों के प्रवेश पर नियंत्रण रखा जा रहा है।

*बनाया गया है फायर कैम्प*

तरेगांव के आसपास छूही बीट ,लरबकी, दलदली कुकरापानी में फायर कैंप से अग्नि पर नियंत्रण रखने के लिए सुरक्षा श्रमिक एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति के सदस्यों के सहयोग से लगातार निगरानी रखा जा रहा है। वन अम्ल द्वारा लगातार गस्त कर जंगल में आग नहीं लगने देने की कवायद की जा रही है। वही दलदली सर्किल अंतर्गत सभी बीटों में गांव में मुनादी कराया जाकर ग्राम वासियों को जागरूक किया गया है ।वन विभाग द्वारा गांव के घरों में दीवारों पर नारे एवं स्लोगन भी लिखवाए हैं।जंगल में लगने वाली आग को बुझाने के लिए ग्रामवासियों का सहयोग लिया जा रहा है। कहीं कैम्प में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था की गई है।

*वन अमला अलर्ट मोड में*

वन क्षेत्र में जहां-जहां महुआ के वृक्ष हैं उसके नीचे फायर ब्लोअर के माध्यम से सुखे पत्तियों को एकत्रित कर नियंत्रित आग लगाया जाकर वन क्षेत्र को आग से सुरक्षित रखा जा रहा है। वन विभाग के मैदानी अमला, सुरक्षा श्रमिक, फायर वाचर तथा समिति के सदस्य लगातार वनों में अग्नि सुरक्षा के लिए गस्त कर रहे हैं।

तरेगांव रेंज के बिट में अनोखी पहल की जा रही है ।इसके लिए स्पीकर के माध्यम से गांव में घूम कर मुंनादी कराया गया है ।साथ ही वन क्षेत्र में लाउडस्पीकर से वनों की सुरक्षा के लिए भी लगातार आगाह किया जा रहा है।

वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि वन क्षेत्र में ज्वलनशील सामग्री लेकर घूमने, प्रवेश करने, बीड़ी सिगरेट पीते पाए जाने, कहीं पर भी आग लगाते पाए जाने पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) ग के तहत सख्त कार्यवाही की जा रही है। लोगों को समझाया जा रहा है कि वन क्षेत्र में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न जाएं। अन्यथा वन अपराध कायम किया जायेगा। ग्रामीणों को लगातार आग बुझाने में वन विभाग की मदद के लिए जागरूक किया जा रहा है। जंगल में आग लगाना अपराध है और अपराधी को बक्शा नहीं जायेगा। सख्त कार्यवाही की जायेगी और इसके लिए कानून में प्रावधान भी है।