May 19, 2024

जो अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पाए वह डिफाल्टर है*

 

 

*भाजपा मोदी की असफलता से ध्यान हटाने प्रलाप कर रही*

*लोकतंत्र में आलोचना तो होगी प्रधानमंत्री छुई-मुई नहीं होता जो आलोचना से मुरझा जाये*

रायपुर/ भारतीय जनता पार्टी मोदी की 10 साल की विफलताओं तथा जनहित के मुद्दों से ध्यान हटाने नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के बयान को गलत ढंग से प्रस्तुत कर रही। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष महंत ने जिन मुद्दों को उठाया भाजपा उसकी चर्चा करने से भाग रही है। प्रधानमंत्री छुई-मुई नहीं है कि उनके बारे में बात करने, उनसे सवाल करने पर उनको नुकसान हो जायेगा। भाजपा सस्ता प्रचार पाने के लिये नौटंकी करना बंद करें। जो अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पाये उसे डिफाल्टर कहा जाता है। जो व्यक्ति अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता उसे भी डिफाल्टर कहा जाता है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी मोदी की इसी असफलता के संबंध में उन्हें डिफाल्टर कहा है यह कोई असंसदीय शब्द नहीं है। मोदी की विफलताओं से ध्यान भटकाने भाजपा इसको मुद्दा बना रही।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी ने भी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता से जो वादा किया था उसमें से अधिकांश वादों को पूरा नहीं किया उस पर अब वे चर्चा भी नहीं करना चाहते।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी ने 10 सालों के कार्यकाल में अपने एक भी वादे को पूरा नहीं किया। 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी और भाजपा देश की जनता से वायदा किया था-
1 100 दिन में महंगाई कम करेंगे।
2 हर के खाते में 15 लाख आयेंगे।
3 35 रू. लीटर में डीजल, पेट्रोल देंगे।
4 हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे।
5 किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करेंगे।
6 कृषि ऊपजों का समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना किया जायेगा।
7 विदेश से कालाधन लाया जायेगा।
8 100 स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा।
9 सभी सांसद एक गांव को गोद लेकर उसको आधुनिक बनायेंगे।
10 2022 तक देश के हर आवासहीन का अपना मकान होगा।
प्रधानमंत्री मोदी इन वादों को पूरा करने में डिफाल्टर साबित हुये।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी को सरकार चलाते 10 साल पूरे हो गये लेकिन मोदी ने अपने एक भी वायदे को पूरा नहीं किया। मोदी के दोनों कार्यकाल कोरी बयानबाजी और लक्षेदार भाषणों में निपट गया। अब भाजपा नेता मोदी के वादों पर बात करने से कतराते है। जहां पर मोदी सरकार के सालों के कामों का हिसाब मांगा जाता है तो भाजपाई कुतर्क करने लगते है। जनता इस चुनाव में मोदी और भाजपा के एक-एक वादों का हिसाब लेगी। जनता से किया गया यह वादाखिलाफी डिफाल्टरी ही तो है।