November 25, 2024

प्रबंधन से नही सरकार से बात करें सासंद

 

 

केवल हायर पेंशन पर ही नही 39 महिने के एरियस और आइ टी विभाग द्वारा दिये जा रहे नोटिस पर भी सरकार से बात करें*।

भिलाई। हायर पेंशन को लेकर जो चोट भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों को लगी उस पर मलहम लगाने का असफल प्रयास कर रहे है सांसद क्योंकि चोट खुद केन्द्र सरकार ने दी है उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद भी समय रहते कोई व्यवस्था नही बनाने के लिए सीधे सीधे केन्द्र सरकार जिम्मेदार है उक्त आशय का आरोप जिला कांग्रेस कमेटी भिलाई के प्रवक्ता जावेद खान ने लगाया और कहा की सांसद को अगर बात करना ही है तो केन्द्र सरकार से बात करे प्रबंधन और इ पी एफ ओ से बात करने की बाद कहना केवल चुनाव को देखते हुए इस ज्वलंत मुद्दे से ध्यान भटकाना कहलाया जाएगा इतना ही नही सांसद को 39 महिने के एरियस और इनकम टैक्स विभाग द्वारा मध्यम वर्गीय कर्मचारियों को जो पिछले छह सालो मे बैंक खाते मे आए ,दो से दस लाख रुपए को लेकर जो नोटिस जारी किया गया तथा सन 2017 मे 1200 से ज्यादा बी एस पी कर्मचारियों को इनकम टैक्स विभाग ने जो रिटर्न को लेकर प्रताड़ित किया उस पर भी बात करनी चाहिए जब की यह सर्वविदित है की नौकरीपेशा आदमी को जो वेतन मिलता है वह पे सिलिप मे दिखाई देता है तो फिर वह गलत रिटर्न भर कर आखिर कितना बचा लेगा उसके बावजूद भी आइ टी विभाग ने चुन चुन कर कर्मचारियों को नोटिस दिया और पेनाल्टी सहित भरपाई की यह सब बी एस पी का कर्मचारी भुला नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हायर पेंशन का लाभ लेने बहुत से पूर्व कर्मचारियों ने अपनी फिक्स डिपॉजिट तोड कर अंतर की राशि ई पी एफ ओ मे जमा की थी इस उम्मीद के साथ की उन्हें अब सम्मानजनक पेंशन मिलेगी लेकिन इ पी एफ ओ द्वारा सभी का पैसा लौटाया जा रहा है इसमें सीधे सीधे सरकार का दखल है सरकार की मंशा पेंशन देने की कतई नही है इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी क्राइटेरिया का हवाला दिया जा रहा है और हायर पेंशन की आस लगाए पेंशनधारकों की उम्मीद पर पानी फेर दिया गया है अपने आर्थिक नुकसान का जवाब पेंशनधारक जरूर चुनाव मे देंगे ।

39 महिने के एरियस के लिए इंतजार कर रहे बी एस पी कर्मचारियों को भी ऐन चुनाव के पहले सरकार द्वारा रोक लगा दिए जाने पर निराशा हाथ लगी है इसलिए मेरा यह कहना है सांसद महोदय को कि इन सब मुद्दों पर बात प्रबंधन से नही सरकार से करे क्योंकि कही ना कंही कर्मचारी भी जान और समझ रहा है कि पिछले दस महिनों मे मोदी सरकार ने पेंशनधारकों के लिए कोई सकारात्मक पहल नही की है।