छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा और ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियंस( ऐक्टू) की संयुक्त टीम ने 9 अप्रैल को दुर्ग जिला के कुम्हारी में हुए भीषण दुर्घटना की जांच की
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा और ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियंस( ऐक्टू) की संयुक्त टीम ने 9 अप्रैल को दुर्ग जिला के कुम्हारी में हुए भीषण दुर्घटना की जांच की .इस दुर्घटना में अभी तक 12 मजदूरों की मौत हो गई है तथा लगभग 20 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं .ये तमाम मजदूर कुम्हारी डिस्टलरी में कार्यरत श्रमिक थे जोकि कंपनी के इस बस से अधिकांश भिलाई से आना -जाना करते थे.इस गंभीर दुर्घटना के लिए सीधे तौर पर कुम्हारी डिस्टलरी प्रबंधन, प्रशासन और राज्य सरकार जिम्मेदार है. इस तरह की दुर्घटना पहले भी हो चुकी है लेकिन सरकार व प्रशासन ने सबक नहीं लिया है.जांच टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया ,कंपनी के श्रमिकों से बातचीत की तथा स्थानीय लोगों से बातचीत की. जांच टीम में भीमराव बागडे ,जनक लाल ठाकुर, सुखलाल साहू,,पुनाराम साहू, बृजेन्द्र तिवारी ,भोज राम साहू, मंगलूराम साहू आदि लोग शामिल थे.
जांच टीम ने पाया कि रास्ते के दोनों तरफ 25 फीट गहरी खदान है किंतु केडिया प्रबंधन ने इसकी सुध नहीं ली.इसके पूर्व खपरी नाला मे भी श्रमिकों को ले जाने वाले वाहन से दुर्घटना हूई थी जिसमें तीन श्रमिकों की मौत हो गई थी. कंपनी में लगभग 1500 श्रमिक कार्यरत है जिसमें 500 श्रमिक रिकार्ड़ मे हैं औऱ1000 से अधिक श्रमिक बॉटलिंग विभाग मे हैं जो कंपनी के रिकॉर्ड में नहीं हैं , उन श्रमिकों को प्रतिदिन 12 घण्टे कार्य कराया जाता हैं औऱ 250 रुपये मजदुरी दी जा रहीं हैं, इन श्रमिकों को मैटाडोर व अन्य क़रीब 40 वाहनों से असुरक्षित तरीके से प्रतिदिन लाना ले जाना किया जाता हैं, शासन के विभागो के मिलीभगत के करण श्रम कानून व सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है.
जांच टीम ने मांग की है कि मृतक श्रमिकों को 50 लाख रुपया मुआवजा दिया जाए तथा आश्रित को स्थाई नौकरी दिया जाए .घायल श्रमिकों का उच्च स्तरीय इलाज कराया जाए और उचित मुआवजा दिया जाए. दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, केडिया प्रबंधक पर एफआईआर किया जाय तथा दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए .कंपनी में श्रम कानून व सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए. कंपनी के आने जाने वाले रास्तों को तत्काल दुरुस्त व प्रकाश की व्यवस्था किया जाए.